आईएनएक्स मीडिया मामले में ईडी के जांच अधिकारी राकेश आहूजा का गुरुवार को तबादला कर दिया गया. राकेश आहूजा को वापस दिल्ली पुलिस भेजा गया है. इस मामले की जांच का जिम्मा नए जांच अधिकारी को सौंपा गया है. राकेश आहूजा इस मामले की जांच में शुरू से जुड़े हुए थे. वह प्रवर्तन निदेशालय सहायक निदेश के पद पर कार्यरत थे. बता दें, नाटकीय घटनाक्रम के बीच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में बुधवार रात को उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया.
आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय से तत्काल कोई राहत नहीं मिलने के कुछ घंटे बाद एजेंसी के अधिकारी उनके आवास पहुंचे और दीवार फांदकर घर में प्रवेश किया. सीबीआई के करीब 30 अधिकारियों की टीम दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ जोर बाग स्थित चिदंबरम के आवास पर पहुंची थी. पूर्व वित्त मंत्री को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की चिदंबरम की याचिका पर शुक्रवार को ही सुनवाई करने का फैसला किया है जिसके बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूर्व वित्त तथा गृह मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्रता मिल गयी है. सीबीआई और ईडी ने इससे पहले चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट परिपत्र जारी किया था ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके.
गिरफ्तारी से पहले चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करने के बाद अपने आवास पर पहुंचे थे. चिदंबरम ने दावा किया कि वह कानून से ‘भाग’ नहीं रहे हैं एवं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘झूठे” हैं. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे.
इस मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी आरोपी हैं. कार्ति ने इस मामले में 23 दिन जेल में में काटे थे. कार्ति की गिरफ्तारी इंद्राणी द्वारा ईडी को दिये गए बयान के आधार पर हुई थी. उसने कहा था कि एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने स्वीकार कर लिया था. इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक है. इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में इकबालिया गवाह बन गई थी. पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी हासिल करने से संबंधित मामले में सामने आया था.
सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल करने के लिये अवैध तरीके से एफआईपीबी मंजूरी दिये जाने का आरोप लगाया गया था. उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. इसके बाद ईडी ने भी कंपनी के संस्थापकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी और अन्य के खिलाफ धन शोधन कानून के तहत मामला दर्ज किया था. कार्ति को 28 फरवरी 2018 को सीबीआई ने ब्रिटेन से उनके लौटने के बाद गिरफ्तार किया था.