Home मध्य प्रदेश गोपाल मंदिर में भगवान ने पहने सवा किलो चांदी के दो नए...

गोपाल मंदिर में भगवान ने पहने सवा किलो चांदी के दो नए मुकुट, एक क्विंटल फूलों ने किया श्रृंगार..

60
0
SHARE

इंदौर. कृष्ण जन्माष्टमी शहरभर में धूमधाम से मनाई जा रही है। स्मार्त मतानुसार शुक्रवार काे गोपाल मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, विद्याधाम और वैष्णव मतानुसार शनिवार काे यशोदा माता मंदिर, इस्कॉन मंदिर, गीता भवन और गोवनर्धननाथ मंदिर में यह पर्व मनाया जाएगा। गोपाल मंदिर में पहली बार सवा किलो चांदी के दाे छत्र चढ़ाए गए, वहीं बांके बिहारी मंदिर में लाखों रुपए के आभूषणों से श्रीकृष्ण का श्रृंगार किया गया। दाेनाें दिन रात 12 बजते ही महाआरती की जाएगी। इसके अलावा जगह-जगह मटकी फाेड़ का अायाेजन किया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में वंशी वादन का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें 800 से अधिक स्वयंसेवक ने भाग लिया।

शुक्रवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। सुबह भगवान काे नए वस्त्र धारण करवाए गए और फिर शृंगार आरती हुई। इस मौके पर एक क्विंटल फूल और सोने-चांदी के आभूषणाें से भगवान का श्रृंगार किया गया। पहली बार सवा किलो चांदी के दो नए मुकुट भगवान को अर्पित किए गए। रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।  350 साल पुराने इस मंदिर में शुक्रवार काे जन्माष्टमी मनाई जा रही है। यहां सुबह भगवान ने बांके बिहारी स्वरूप में दर्शन दिए। भगवान को पीतल का मुकुट और नग की ड्रेस पहनाई गई

साथ ही कांच और फूलों से श्रृंगार किया गया। रात अाठ बजे से भजन संध्या भी हाेगी। इसमें कलाकार राधा-कृष्ण के भेष में प्रस्तुतियां देंगे। रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा और 12.15 बजे महाआरती की जाएगी। तपस्विनी श्रीमाल ने बताया कि माखन मिश्री का प्रसाद और 56 भोग लगाया जाएगा। 75 साल पुराने इस मंदिर में जन्माष्टमी शनिवार को मनाई जाएगी। सुबह छह बजे भगवान के पंचामृत स्नान दर्शन होंगे। रात 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अगले दिन नंदोत्सव मनाया जाएगा। यहां ठाकुरजी पलने में विराजमान होंगे।

मंदिर के ट्रस्टी जयकृष्ण नेमा ने बताया यहां भगवान कृष्ण के खिलौने भी सजाए जाएंगे। स्वर्ण-रजत आभूषणों से भगवान का श्रृंगार किया जाएगा।  गीताभवन स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में शनिवार सुबह से मध्य रात्रि एवं जन्मोत्सव आरती तक विभिन्न आयोजन होंगे। प्रवचन, भजन संकीर्तन होंगे। रात 12 बजे जन्मोत्सव आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा। यहां जन्माष्टमी शनिवार को मनेगी। शाम 7.30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें कुचीपुड़ी और कथक नृत्य नाटिका होगी। रात 10.30 बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा। रात 12 बजे महाआरती होगी। मंदिर के महामनदास ने बताया कृष्ण भगवान को नजर न लगे, इसलिए नीबू-मिर्ची की माला पहनाई जाएगी।

शनिवार को जन्माष्टमी मनेगी। सुबह छह बजे भगवान का अभिषेक और रात 12 बजे महाआरती होगी। रविवार को छप्पन भोग लगाया जाएगा। सोमवार को मोर पंख, दीप मालिका से भगवान का शृंगार किया जाएगा। भजन संध्या भी होगी। पुजारी महेंद्र दीक्षित ने बताया शनिवार और रविवार को मंदिर में माता यशोदा की गोद भरी जाएगी।

पंडितों के अनुसार जन्माष्टमी का पर्व भादौ कृष्ण की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को मनाया जाता है। जन्माष्टमी दो मतों में मनाने की प्रमुखता है। एक स्मार्त मत और दूसरा वैष्णव मत। स्मार्त मतानुसार 23 को तो वैष्णव मतानुसार 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 23 अगस्त को सुबह 8.8 बजे तक सप्तमी तिथि है। उसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी, जो 24 अगस्त काे सुबह 8.31 बजे तक रहेगी। इसमें अर्द्धरात्रि को रोहिणी नक्षत्र का अभाव रहेगा। रोहिणी नक्षत्र शुक्रवार रात 3.46 बजे शुरू होगा, जो 24 अगस्त की रात 4.25 बजे तक रहेगा। इसलिए शनिवार को अष्टमी तिथि सूर्योदयकालीन रहेगी। इसके साथ ही वृषभ राशि का चंद्रमा भी रहेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here