Home हिमाचल प्रदेश हिमाचल में अभी भी 588 सड़कें बाधित 800 गाड़ियां फंसीं…

हिमाचल में अभी भी 588 सड़कें बाधित 800 गाड़ियां फंसीं…

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मनाली-रोहतांग-लेह मार्ग पर पिछले तीन दिनों से हो रहे भूस्खलन से बार-बार यातायात बाधित हो रहा है। यहां सेना के मनाली से लेह और लेह से मनाली आ रहे काफिले के 200 ट्रकों समेत कुल 800 गाड़ियां फंसी हुई हैं। गुरुवार को भी दिनभर मार्ग जाम के चलते बाधित रहा। हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं अभी तक बहाल नहीं हो पाई हैं। प्रदेश में अभी भी 588 सड़कें यातायात के लिए बाधित हैं। परिवहन निगम के इतने ही रूट प्रभावित हैं। शिमला जोन की 201, मंडी की 313, हमीरपुर 36 और कांगड़ा जोन की 38 सड़कें यातायात के लिए बाधित हैं। गुरुवार को मनाली के मढ़ी के पास पहाड़ी दरकने से रातभर सैकड़ों वाहन, फिर रोहतांग के साथ लगते राहनीनाला के पास भूस्खलन से सेना के काफिले समेत सैलानी, मटर व गोभी से भरे मालवाहक और लाहौल, पांगी व किलाड़ के लोग फंसे रहे। इसमें करीब 600 वाहन तो 20 अगस्त से ही फंसे हुए हैं।

हालांकि, मढ़ी में मार्केट होने से सैलानियों को खाने-पीने की ज्यादा समस्या नहीं आ रही है, लेकिन राहनीनाला में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। 20 अगस्त की शाम को मढ़ी में हुए भूस्खलन के 14 घंटों के बाद मार्ग बहाल कर दिया था, लेकिन कुछ समय के बाद फिर सड़क बंद हो गई।इसे 22 घंटे बाद 21 अगस्त की शाम को खोला गया। इसके बावजूद दोनों तरफ से सैकड़ों वाहन फंसे रहे। मढ़ी के पास गुरुवार सुबह सड़क खोल दी, लेकिन अभी तक जाम नहीं खुला है। बीआरओ के ओसी कैप्टन अश्विनी त्रिपाठी ने बताया कि मढ़ी के पास सड़क को बहाल कर दिया है।

राजधानी शिमला में शाम को झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को मौसम साफ रहेगा, लेकिन उसके बाद 24 से 28 अगस्त तक मैदानी और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। पिछले 24 घंटों में एक-दो स्थानों पर ही बारिश हुई। अधिकतम तापमान में दो डिग्री तक बढ़ोतरी हुई। मनाली-लेह मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से आम लोगों, सैलानियों और व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, तीन दिन तक रोहतांग से लेकर मढ़ी तक जाम जैसे हालत बने रहे।हालांकि, इस दौरान मौसम आमतौर पर साफ रहा फिर भी रोहतांग दर्रा में सैलानियों और व्यापारियों को दो रातें अपनी गाड़ियों में ही गुजारनी पड़ीं। एक ओर भूस्खलन ने परेशानी बढ़ाई तो दूसरी तरफ करीब छह किलोमीटर तक लगे लंबे जाम ने मुश्किलें और बढ़ा दिया।

रोहतांग और इसके आसपास खाने-पीने की सुविधा न होने से कई सैलानियों को ट्रक चालकों ने खाना खिलाया। हालांकि, मढ़ी और इसके आसपास फंसे लोगों और पर्यटकों को अधिक परेशानी नहीं हुई है। क्योंकि मढ़ी में स्थायी मार्केट का निर्माण किया गया है।लाहौल से मटर लेकर आए व्यापारी हसन और सुरेंद्र कुमार ने कहा कि वे 20 अगस्त को लाहौल से रवाना हुए थे और उन्हें मटर को दिल्ली ले जाना था। लेकिन, भूस्खलन के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए।

उन्होंने कहा कि तीन दिनों में मात्र दो बार मनाली-लेह मार्ग खुला लेकिन सड़क पर भारी संख्या में वाहनों की कतार से वह 50 घंटे से भी अधिक समय से फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद ट्रक में खाना बनाया और अपने साथ कई सैलानियों को भी खिलाया।उन्होंने कहा कि रोहतांग में फंसे कई सैलानियों और लोगों को खाना खाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर मढ़ी जाना पड़ा। कुल्लू से लाहौल जा रहे दीप लाल, चमन लाल और प्रेम सिंह ने कहा कि भूस्खलन से ज्यादा परेशानी जाम से हुई है।

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