बिजली कंपनी की लापरवाही के 2 मामले सामने आए, इस वजह से 2 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद भी कंपनी के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा। दरअसल राघौगढ़ कस्बे में ही बिजली के खंभे में फैले करंट से एक पूर्व पार्षद की मौत हो गई।
इसके अलावा धरनावदा गांव में सिंगल लाइन के तार टूटने से इसकी चपेट में आने से बच्चे की मौत हो गई। राघौगढ़ ब्लॉक में करंट से मौत के यह दो मामले हैं। इन घटनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है, उनका कहना है कि बिजली के खंभे जगह-जगह लगे हैं, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने इनकी जांच तक नहीं की, ताकि पता चले कि किसी खंभे में करंट तो नहीं है।
जबकि हर साल मेंटीनेंस के नाम पर लाखों रुपए कागजों में खर्च किए जाते हैं। इन छोटी-मोटी चीजों का ठीक न होना इस खर्च पर सवालिया निशान खड़े करता है। वहीं धरनावदा गांव में डीपी से सीधे तार जोड़कर सिंगल कनेक्शन दे रखे हैं, कायदे से केबल लाइन डाली जानी चाहिए थे। जगह-जगह तार लटके हुए हैं। यानी हर जगह खतरा है। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।
राघौगढ़ के होली वाला बाजार निवासी मिथलेश धाकड़ पूर्व पार्षद हैं, वह सुबह 9 बजे के लगभग घर से निकले थे। वह माली मंदिर और मस्जिद के बीच स्थित एक पान की दुकान तरफ पहुंचे। वहीं पर एक खंभा लगा था, वह इसके पास खड़े हो गए। तभी अचानक हाथ इससे टच हो गया तो वहीं पर कंरट लगने से मौत हो गई। वहीं धरनावदा दिनवासी 12 वर्षीय कपिल अपने पिता माखन कुशवाह के साथ गुरुवार सुबह खेत पर पहुंचा। खेत में लगी तार फेसिंग पर सिंगल केबल का तार टूट कर गिरा पड़ा था, वह जैसे ही खेत में जाने के लिए फेसिंग से हाथ लगाया तो करंट लगने से मौत हो गई।