वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही राज्य सरकार के पास अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह व निकाह योजना में शादी रचाने वाले नए जोड़ों को देने के लिए भी पैसा नहीं है। हालत यह है कि एक अप्रैल से अब तक मुख्यमंत्री कन्या विवाह व निकाह योजना में 22 हजार 500 शादियां हो चुकी हैं, लेकिन किसी के भी खाते में 51 हजार रुपए नहीं पहुंचे, क्याेंकि इस साल स्कीम में जितना भी पैसा था, वह 31 मार्च 2019 से पहले हुई 18 हजार शादियों पर खर्च कर दिया गया। इन हालातों के मद्देनजर सामाजिक न्याय विभाग ने वित्त विभाग से कहा है कि वह इमरजेंसी फंड से राशि जारी करे, ताकि कन्या के खाते में 51 हजार रुपए दिए जा सकें। विभाग ने आकस्मिक निधि से 100 करोड़ रुपए मांगे।
यह स्थिति तो अभी है, लेकिन दीपावली के बाद देव उठनी से शादी समारोह और सामूहिक विवाह सम्मेलन फिर शुरू हो जाएंगे। इससे पहले निकाह भी हो सकते हैं, एेसे में कन्या को देने के लिए बजट नहीं है। विभाग उम्मीद कर रहा है कि द्वितीय अनुपूरक में राशि का प्रावधान होने के बाद परेशानी नहीं रहेगी। विभाग के संचालक कृष्ण गोपाल तिवारी का कहना है कि अभी बजट के अभाव में बेटियों को राशि नहीं मिल पाई है। प्रमुख सचिव को इस बारे में पत्र लिखा गया है। विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया का कहना है कि दुल्हनों को विभाग द्वारा दी वाली राशि जल्दी खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। प्रदेश के कुछ जिलों झाबुआ, छिड़वाड़ा, जबलपुर के आसपास के जिलों को बजट दे दिया गया है। जल्दी सभी जिलों को दे दिया जाएगा।
यहां बता दें कि कांग्रेस ने मप्र में सत्ता वापसी करने के बाद कन्या विवाह व निकाह की राशि 28 हजार (3 हजार रुपए स्मार्ट फोन के मिलाकर) से बढ़ाकर 51 हजार रुपए की है। सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर तीन हजार रुपए आयोजकों को दिए जाते हैं, जबकि 48 हजार रुपए कन्या के खाते में जाते हैं।