मध्य प्रदेश में आस्था के सबसे बड़े केंद्र महाकालेश्वर मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकास को लेकर कमलनाथ सरकार ने कमर कस ली है. पिछले हफ्ते 300 करोड़ की योजना बनाने के बाद शुक्रवार को महाकाल मंदिर के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति की बैठक उज्जैन में आयोजित की गई.
इस बैठक में मध्य प्रदेश के धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा, पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह मौजूद थे. बैठक में तय किया गया कि आगामी एक महीने के अंदर मंदिर समिति के कानून में बदलाव किया जाएगा. इस बदलाव के साथ ही उत्तर प्रदेश के मशहूर काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर मंदिर के आसपास की जमीन को अधिग्रहित कर मंदिर और इसके साथ लगे इलाके का विकास किया जाएगा.
बैठक में जो सबसे बड़ा फैसला किया गया वो है महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर का खात्मा करने का. उच्च स्तरीय समिति की बैठक में तय किया गया है कि अब मंदिर में वीआईपी दर्शन का समय सीमित किया जाएगा. अब से मंदिर में आने वाले वीआईपी दिन में सिर्फ दो बार सुबह 6 से 7 और दोपहर 3 से 4 बजे के स्लॉट में ही भगवान महाकाल के दर्शन और पूजन कर पाएंगे. आपको बता दें कि महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने कई बार वीआईपी मूवमेंट के कारण दर्शन में परेशानी की शिकायत की है. यहां तक कि इससे कई बार मंदिर में विवाद की स्थितियां भी बन चुकी है.
महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार योजना में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही अन्य सुविधाओं पर भी खास ध्यान दिया जाएगा. मंदिर के प्रवेश और निर्गम, फ्रंटियर यार्ड, नंदी हॉल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर, धर्मशाला, रुद्रसागर की लैंड स्केपिंग, रामघाट मार्ग का सौंदर्यीकरण, पर्यटन सूचना केंद्र, रुद्र सागर झील का पुनर्उद्धार, हरि फाटक पुल, यात्री सुविधाओं और अन्य सुविधाओं का निर्माण और विस्तार किया जाएगा.