सीजेएम नालागढ़ कपिल शर्मा की अदालत ने रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के मालिक अनिल डी अंबानी समेत सात निजी टावर लाइन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी, चोरी, डकैती समेत 36 विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। नालागढ़ उपमंडल के 10 किसानों की शिकायत पर कोर्ट ने 50 लोगों को नामजद किया है। हिमाचल में अनिल अंबानी समेत अन्य कंपनियों पर नौवीं एफआईआर के आदेश हुए हैं। इससे पहले बिलासपुर में चार, गोहर में दो और मंडी और भुंतर में 1-1 केस दर्ज हो चुका है। आरोप है कि इन कंपनियों ने कुल्लू के सैंज से लुधियाना तक 303 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई।
न तो जमीन का सर्किल रेट वैल्यू तय किया गया और न ही लोगों को मुआवजा दिया गया। उपायुक्तों के पास भी कोई दस्तावेज जमा नहीं कराए गए। सीजेएम नालागढ़ कपिल शर्मा की अदालत ने किसानों रामपुर निवासी बग्गा राम, बैरछा निवासी हरनरेंद्र सिंह, कुलाड़ी निवासी शीतल सिंह, पड़ियाना निवासी त्रिलोचन सिंह, दर्शन सिंह, स्वर्ण सिंह, अभिपुर निवासी करनैल सिंह, कीरतपुर निवासी जगदीश राम व टिक्करी निवासी प्यारा सिंह की याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने पुलिस थाना नालागढ़ को मुकदमा दर्ज करने के आदेश देते हुए इसकी तफ्तीश के बाद मामला अदालत को भेजने का कहा है। कोर्ट ने रिलायंस एनर्जी लिमिटेड सांता क्रूज ईस्ट मुंबई, पीकेटीसीएल नई दिल्ली, केईसी इंटरनेशनल वरली मुंबई, टॉटा पॉवर मुंबई, ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड मुंबई समेत गुजरात की कपंनियों के कुल 50 लोगों को नामजद किया है। अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने बताया कि नालागढ़ क्षेत्र के पड़ियाना, बैरछा, कुलाड़ी, रामपुर आदि गांवों में बिना अधिग्रहण व बिना उचित मुआवजे अदा किए और गैर कानूनी तरीके से बिजली की ट्रांसमिशन लाइन बिछाई गई है। इन कंपनियों ने प्रभावित किसानों को उनके मकानों, दुकानों, जमीनों और पशुशालाओं का मुआवजा नहीं दिया।