केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा वापस ले ली है. गृह मंत्रालय ने अब उन्हें केंद्रीय सुरक्षा बल का सुरक्षा कवर देने का फैसला किया है. सूत्रों का कहना है कि मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला रिव्यू में किया गया. यह सुरक्षा देश के बड़े नेताओं को दी गई है, इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी शामिल हैं. अब पूरे देश में इन्हीं चार लोगों के पास एसपीजी सुरक्षा कवर बच जाएगा.
इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और वीपी सिंह का सुरक्षा कवर हटाया गया था. खतरे की आशंका को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को सुरक्षा कवर दिया जाता है. मनमोहन सिंह की बेटियों ने खुद को सुरक्षा कवर से अलग कर लिया था. ऐसे ही प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दतक पुत्री ने भी सुरक्षा कवर से मना कर दिया था मनमोहन सिंह के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह खुद व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है, वह सरकार के फैसले के साथ जाने के लिए तैयार हैं.
इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या करने के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए साल 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी. साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को अगले 10 साल तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया.
साल 2003 में वाजपेयी सरकार में इस एक्ट में संशोधन किया गया और वह दस साल की सीमा को एक साल कर दिया गया. इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया कि खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सुरक्षा की समय सीमा तय करेगी.