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इंदौर: अय्याशी और प्रेमिकाओं के लिए चुराते थे वाहन…

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फिल्म शोले में ‘जय-वीरू’ की जोड़ी तो सबने देखी है. हालांकि फिल्म में ‘जय-वीरू’ की जोड़ी बुराई के खिलाफ लड़ती दिखी. लेकिन इंदौर में असल जिंदगी की ‘जय-वीरू’ की जोड़ी अपनी हरकतों की वजह से पुलिस के हत्थे चढ़ गई है. इंदौर क्राइम ब्रांच ने टू-व्हीलर चुराने वाले शातिर ‘जय-वीरू गैंग’ के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने उनके कब्जे से चुराए गए 21 दोपहिया वाहन भी बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक ये गैंग मौज-मस्ती और अपनी प्रेमिकाओं को घुमाने और अय्याशी के लिए वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देते थे.इस गैंग का नाम जय-वीरू कैसे पड़ा, इसकी भी कहानी पूरी फिल्मी है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी चोरी करने के दौरान एक-दूसरे के प्रति पूरी तरह से वफादार होते थे. गैंग के सदस्यों को एक-दूसरे पर इतना भरोसा था कि इन्होंने बेहद कम समय में वाहन चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया.

पुलिस के मुताबिक पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने बताया कि वो इंदौर के अलावा देवास, खंडवा और पड़ोसी राज्य राजस्थान से भी दो पहिया वाहनों की चोरी की है. गिरोह के सरगना अरुण ने पूछताछ में बताया कि वो बीकॉम तक पढ़ा है और अच्छे कपड़े पहनता था, जिससे वो स्टूडेंट की तरह दिखे और लोगों को उस पर शक न हो.

अरुण गैंग के अन्य सदस्यों की मदद से चोरी की गई गाड़ियों को सस्ते दामों पर बेच देता था. बिक्री से मिलने वाले रुपये अय्याशी और गर्लफ्रेंड्स को घुमाने में खर्च किए जाते थे. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इनके निशाने पर धार्मिक स्थल, शराब की दुकानें और बाजार होते थे, जहां ये आसानी से भीड़ में घुलमिल जाते थे. इंदौर क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि शहर में बढ़ती 2-व्हीलर की चोरी को देखते हुए क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी दी गई थी कि वो घटनाओं का खुलासा करेइसी कड़ी में खबरियों से जब जय-वीरू गैंग के सदस्यों की इंदौर के कनाड़िया इलाके में होने की सूचना मिली तो ट्रैप लगा कर उन्हें पकड़ा गया. उन्होंने बताया कि वो चोरी की नीयत से ही घूम रहे थे. उनके पास से मास्टर चाबी, वायर कटर, टॉमी, पेचकस और प्लायर बरामद किए गए

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