मध्य प्रदेश सरकार मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को राज्य के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग (एफडीए) ने भोपाल स्थित एक डेयरी प्लांट के मालिक ईश अरोड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और डेयरी पर ताला लगा दिया. ईश अरोड़ा की डेयरी से लिए गए दूध के सैंपल में डिटर्जेंट पाया गया था. वहीं ईश अरोड़ा की मुश्किलें अब और बढ़ने जा रही हैं. ईश अरोड़ा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है.
मंगलवार शाम को भोपाल कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि ‘ईश अरोड़ा को लोक व्यवस्था के अनुरक्षण के प्रतिकूल किसी भी रीति में कार्य करने से रोकने के अभिप्राय से उसको राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3(2) में निरूद्ध किया जाना आवश्यक है.’ आदेश में कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने आरोपी को रीवा जेल भेजने का जिक्र भी किया है.
बता दें एफडीए की टीम ने 25 जुलाई 2019 को गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित राजहंस डेरी प्रोडक्ट से दूध और पनीर के सैंपल लिए थे. रिपोर्ट में दूध में डिटर्जेंट की मिलावट सामने आई. वहीं पनीर भी अमानक स्तर का था. रिपोर्ट सामने आने के बाद भोपाल कलेक्टर ने रासुका की कार्रवाई के आदेश दिए. पंजाब डेयरी फर्म की स्थापना साल 1962 में जे.एन. डंग द्वारा की गई थी. इसके तहत आने वाली राजहंस डेयरी प्रोडक्ट्स की अलग-अलग रेंज है. डेयरी ‘खजुराहो’ ब्रांड के नाम से अपने कई प्रॉडक्ट्स बेचती है.
मध्य प्रदेश में भिंड और मुरैना से अक्सर मिलावटी और सिंथेटिक दूध की खेप पकड़ में आती रही है लेकिन सूबे में बीते 1 महीने से राज्य सरकार बड़े पैमाने पर मिलावट खोरों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी है. अलग-अलग इलाकों से अमानक दूध और मिलावटी उत्पादों की खेप पकड़ में आ रही है उससे मध्य प्रदेश में मिलावट के जहरीले कारोबार का पर्दाफाश हो रहा है. अबतक लगभग एक दर्जन व्यापारियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जा चुकी है.