मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुरुआत से ही अपने बयानों के कारण चर्चा में रही हैं, जिसकी वजह से कई बार पार्टी की फजीहत हुई है. अब एक बार फिर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से साध्वी प्रज्ञा को नसीहत दी गई है और किसी तरह के विवादित बयान ना देने को कहा गया है. पार्टी की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है, जब साध्वी प्रज्ञा ने बीजेपी नेताओं के निधन को विपक्ष की मारक शक्ति से जोड़ दिया था.
दरअसल, हाल ही के दिनों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने तीन बड़े नेताओं को खोया है. इनमें पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर शामिल रहे हैं. इन्हीं को लेकर साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि विपक्ष के नेता भाजपा वालों पर ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से बीजेपी के नेता दुनिया छोड़कर जा रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो इसी के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से साध्वी प्रज्ञा को नसीहत दी गई है और बेवजह की बयानबाजी और विवादित बयान देने से बचने को कहा गया है. साथ ही आगे इस तरह के बयान ना दोहराने की हिदायत भी दी गई है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी साध्वी प्रज्ञा की तरफ से मुंबई हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मी हेमंत करकरे, महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने को लेकर बयान दिया जा चुका है, जिसपर काफी विवाद हुआ था. साध्वी ने हेमंत करकरे को लेकर आरोप लगाया था कि करकरे ने उनके साथ काफी बुरा किया, इसलिए उनके श्राप का असर हेमंत करकरे पर हुआ.
वहीं महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर साध्वी प्रज्ञा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नसीहत दी थी. प्रधानमंत्री ने ऐसे बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह उन्हें कभी भी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे. इसके बाद पार्टी की तरफ से उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था, हालांकि अभी तक साध्वी प्रज्ञा पर किसी तरह की कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है.