कैम्ब्रिज के शोधकर्ताओं ने रंग बदलने वाली एक आर्टिफिशियल त्वचा का निर्माण किया है. नैनो मशीन से तैयार हुई यह स्किन गिरगिट की तरह रंग बदलने में कारगर है. तापमान बदलते ही इस विशेष स्किन के कुछ खास एप्लीकेशन एक्टिव हो जाते हैं जिससे त्वचा का रंग बदल जाएगा.
वैज्ञानिकों ने पॉलिमर में बारीक गोल्ड कोटेड पार्टिकल और तेल में वॉटर वेपर की मदद से इसे तैयार किया है. इस विशेष स्किन से जुड़ा शोध जनरल एडवांस्ड ऑप्टिकल मटेरियल में इसी सप्ताह प्रकाशित हुआ है. रिपोर्ट में दावा किय गया है कि स्किन में मौजूद रंग बदलने वाला मैटीरियल प्रकाश की गर्मी से वॉटर वेपर के गुच्छों में परिवर्तित हो जाता हैं.
इसके बाद जैसे-जैसे लाइट के कारण हीट कम या ज्यादा होगी, वैसे-वैसे त्वचा का रंग बदलने लगेगा. हालांकि, इस स्किन की गिरगिट, कटलफिश या दूसरी रंग बदलने वाली प्रजातियों से तुलना नहीं की जा सकती. रंग बदलने वाले जीवों को क्रोमाटोफॉर नाम से जाता है. यह जीव त्वचा में मौजूद पिग्मेंट की वजह से अपना रंग बदलने में सक्षम होते हैं. यह पिग्मेंट पूरे शरीर में सभी ओर होता है और खतरा होने पर बचाव में फैल जाता है. खतरे की स्थिति में खुद को छिपाने या बचाने के लिए अक्सर ये प्राणी ऐसा करते हैं.