प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियुक्त 12 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए जयराम सरकार कोई भी नीति नहीं बनाएगी। शुक्रवार को कांग्रेस विधायक मोहनलाल ब्राक्टा के सवाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्पष्ट किया कि कानूनी दिक्कतों के कारण आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा सकता। हमारी सरकार कांग्रेस की तरह न झूठे आश्वासन करेगी और न ही झूठी घोषणाएं करेगी।
कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले पीटीए शिक्षकों को नियमित करने की घोषणा की थी, लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान कैबिनेट में मामले को लेकर भी नहीं गई। आउटसोर्स कर्मचारी पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण न हो, इसके लिए कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर कर्मचारी को मासिक स्लिप दी जाए। इसमें उनको दिए जा रहे वेतन, कटौतियों व अन्य वित्तीय लाभ को दर्शाना अनिवार्य है। अगर इनके शोषण की कोई शिकायत आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया कि प्रदेश के सरकारी विभागों और उपक्रमों में 12,165 कर्मचारी आउटसोर्स पर तैनात हैं। इस पर 153 करोड़ से अधिक का व्यय होता है। कर्मचारियों पर करीब 130 करोड़ खर्च हो रहे हैं। 23 करोड़ की राशि कंपनियां अपने लिए रखती हैं।इसमें 14 करोड़ जीएसटी में कंपनियां दे रही हैं। विधायक मोहनलाल ब्राक्टा ने पूछा कि क्या इन भर्तियों में आरक्षण लागू होता है? इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अनुबंध और नियमित आधार पर होने वाली भर्तियों पर ही आरक्षण रोस्टर लागू होता है।
इस तरह का कोई प्रावधान विचाराधीन नहीं है। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आउटसोर्स भर्ती के लिए रखी गई 94 कंपनियों को हटाने की मांग की। कहा, बिचौलियों को हटाकर सरकार 23 करोड़ की राशि बचा सकती है। उन्होंने इन कर्मियों के भविष्य का ध्यान रखते हुए नीति बनाने की मांग भी कीकांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनावों के दौरान भाजपा से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेमकुमार धूमल ने सरकार बनते ही आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने की घोषणा की थी। सरकार को अब इस घोषणा को पूरा करना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री बोले – इस तरह की घोषणा उनके संज्ञान में नहीं है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने विक्रमादित्य सिंह को घोषणा के बाबत सबूत पेश करने को कहा।आउटसोर्स कर्मियों के मामले पर कांग्रेस विधायकों के उग्र होने पर मुख्यमंत्री ने भी सख्त तेवर दिखाए। कहा पीटरहाफ में आयोजन कर कांग्रेस ने पीटीए को नियमित करने की घोषणा की थी। सातवीं बार राजा साहब के नारे भी लगवाए थे। बावजूद इसके नियमितीकरण के लिए कुछ नहीं किया।