मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट पर अध्ययन के बाद आवश्यक होने पर जनहित में फैसला करेगी। कमलनाथ ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस एक्ट का सरकार पूरा अध्ययन करेगी। सरकार के लिए जनहित प्राथमिकता है। कमलनाथ ने कहा- अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों का अध्ययन कर इसका प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं। समझौता शुल्क को लेकर राज्य सरकार को निर्णय का अधिकार है।…
इसके पहले मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी अपने ट्वीट में कहा कि कानून लूट का साधन नहीं हो सकता है। कानून सहूलियत और नागरिकों एवं उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। केंद्र सरकार का मोटर व्हीकल एक्ट-2019, नोटबंदी की तरह एक तानाशाही फैसला है जिसका मुख्य शिकार गरीब और मध्यम वर्ग ही होगा। देश में कल से ये अधिनियम लागू हो गया। मध्यप्रदेश में इसे अभी लागू नहीं किया गया।
1 रेड लाइट जंप पर जुर्माना 100 से बढ़ाकर 5000 रु. तक हुआ।
2 दूसरी बार पकड़े जाने पर 2000 से 10000 रु. तक जुर्माना लगेगा।
3 सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना 100 रु. था, अब 1000 रु. रहेगा।
4 ओवरलोड वाहन पर जुर्माना एक हजार रु. था, अब 5000 रु. लगेगा।
5 तय गति से तेज गाड़ी चलाने पर जुर्माना पांच गुना तक बढ़ाया है।