वन मंत्री उमंग सिंघार का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पॉलिटिकल ड्रामे में नए किरदार के रूप में कांग्रेस सरकार के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया सामने आ गए। सिंधिया समर्थक इन दोनों मंत्रियों ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर सीधा हमला बोला।
राजपूत ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में लड़ा गया था। अब किसी और को सरकार में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। इसी सुर में सुर मिलाते हुए श्रम मंत्री सिसोदिया बोले कि अगर किसी को सरकार में हस्तक्षेप करने का अधिकार है तो वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को है। साफ है कि उमंग सिंघार के आरोपों को दो मंत्रियों ने भी आगे बढ़ा दिया है। इस मामले में फिलहाल दिग्विजय सिंह की ओर से कोई कमेंट सामने नहीं आया है। इधर, अंबाह से विधायक कमलेश जाटव और गोहद से विधायक रणवीर जाटव ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट पर गंभीर आरोप लगाते हुआ कहा है कि उनके बेटे बंकिम नर्सों के ट्रांसफर में पैसे ले रहे हैं।
सिंधिया गुट में भी खींचतान- रणवीर जाटव बोले- मंत्री सिलावट का बेटा हर काम के पैसे मांगता है, ऐसा ही होता रहा तो जल्द ही भाजपा में चला जाऊंगा स्वास्थ्य मंत्री सिलावट को सिंधिया समर्थक माना जाता है। अंबाह से कांग्रेस विधायक कमलेश जाटव और गोहद से विधायक रणवीर जाटव भी सिंधिया गुट से ही हैं। दोनों ने मंत्री सिलावट पर ट्रांसफर में लेन-देन के आरोप लगाए हैं।
गोहद विधायक रणवीर जाटव ने कहा कि सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह लहार में रोज 200 ट्रक रेत का अवैध उत्खनन करवाते हैं। इसमें उनकी मदद दिग्विजय कर रहे हैं। मैं कांग्रेस में घुट-घुट कर नहीं जीना चाहता। ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही इस्तीफा देकर भाजपा में चला जाऊंगा। मैंने कई कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया, लेकिन वे संबंधित को भोपाल-इंदौर चक्कर लगवाते हैं। मंत्रीजी का बेटा हर काम के पैसे मांगता है। –
अंबाह विधायक कमलेश जाटव ने कहा कि यह सीट कांग्रेस 35 साल बाद जीती है। स्वाभाविक है कि क्षेत्र के लोगों की सरकार से उम्मीदें भी जुड़ी हैं। मैंने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि स्वास्थ्य कर्मचारी ब्रजेश उपाध्याय का ट्रांसफर का काम है। उपाध्याय को जब भोपाल भेजा तो उसे उन्होंने बेटे के पास इंदौर भिजवा दिया। वहां उनके बेटे ने उपाध्याय से पैसे की मांग की और कहा कि विधायक से कहलवाने की कोई जरूरत नहीं है। सीधे भी तो काम हो जाता। गोविंद सिंह राजपूत- राजस्व एवं परिवहन मंत्री। सिंधिया के विश्वस्त। दिग्विजय पर सरकार में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। वे पहले भी कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री मंत्रियों की नहीं सुनते।
महेंद्र सिंह सिसोदिया- श्रम मंत्री। डिनर डिप्लोमेसी के जरिए सिंधिया गुट के मंत्रियों को इकट्ठा करने की वजह से सुर्खियों में आए। कमलनाथ और सिंधिया के नेतृत्व में विश्वास रखते हैं। संजीव सिंह कुशवाह – भिंड से विधायक। कांग्रेस में मचे घमासान पर कहा है कि आपस में ही लड़े जा रहे हैं तो भाजपा से क्या लड़ेंगे। कांग्रेस को अपने ही विधायकों को संतुष्ट करना होगा। सिंधिया ने भी लिया उमंग का पक्ष, बोले- सरकार में बाहरी हस्तक्षेप न हो
दिग्विजय पर वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा लगाए गए आरोपों से मचे सियासी बवाल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को ग्वालियर में (दिग्विजय का नाम लिए बगैर) कहा कि सरकार अपनी दम पर चलना चाहिए, किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। आराेप गंभीर हैं। उमंग ने जो मुद्दे उठाए हैं, उन्हें सुनना चाहिए। मुख्यमंत्री काे दाेनाें से बातचीत कर मसले को सुलझाना चाहिए। जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. हीरालाल अलावा ने कहा कि हमने अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रखी थी। यह हमारी सरकार को चेतावनी और धमकी भी थी। इसमें प्रमुख रूप से आदिवासियों की मांगे प्रमुख थी, जिस पर मुझसे प्रस्ताव बनाकर देने को कहा है।