मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार के आरोप लगाने के 5 दिन बाद सामने आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के नेता अनुशासन में रहें। भाजपा को कोई मौका न दें। सिंघार की कड़वी चाय पिलाने के जवाब में दिग्विजय ने सिर्फ इतना ही कहा कि मुझे डायबिटीज नहीं है। मैं मीठी चाय पीता हूं। इस बयान से माना जा रहा है कि वह सिंघार से मिलने नहीं जाएंगे।
दरअसल, उमंग सिंघार ने जिस दिन दिग्विजय पर ब्लैकमेलर, ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने और रेत खनन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे, उस दिन उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह मिलने आएंगे तो वह उन्हें कड़वी चाय पिलाएंगे। भोपाल में मीडिया से बातचीत में सिंह ने मंत्री उमंग सिंघार पर कार्रवाई के जवाब में कहा कि अब इस मामले में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया जी निर्णय लेंगे। क्या आप सिंघार के आरोपों से आहत हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे राजनीति में 50 साल हो गए। ऐसे आरोपों से आहत होने का सवाल ही नहीं। भाजपा मेरे खिलाफ 15 साल प्रकरण ढूंढती रही, लेकिन कुछ नहीं कर पाई।
दिग्विजय ने कहा कि मेरी लड़ाई देश की विविधता में एकता को बचाए रखने की है। उन्होंने कहा कि जब आईटी सेल के सदस्य ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम सिंह को 2017 में एसटीएफ ने आईएसआई से पैसे लेते हुए पकड़ा था, लेकिन तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार ने न तो उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया और न ही उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की। तभी से मेरी लड़ाई जारी है।
दिग्विजय ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के हजारों लाखों कार्यकर्ताओं ने मिलकर ये सरकार बनाई है। मैंने जो ये पत्र लिखे हैं, इसी के नाते लिखे हैं। सांसद होने के नाते मेरा ये कर्तव्य है कि मैं उन्हें पत्र लिखूं। मैंने जो पत्र लिखे हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई। इसकी सूचना दें। जहां तक कमलनाथ जी की बात है, उनकी शख्सियत वह नहीं है कि उन्हें किसी और की जरूरत पड़े। ज्योतिरादित्य सिंधिया को अध्यक्ष बनाने के पोस्टर लगने पर दिग्विजय ने यही कहा कि पोस्टर लगाने का हर एक को हक है। मेरी सिंधिया जी से कोई नाराजगी नहीं है और न ही किसी और से। सिंधिया जी से बात भी हुई है।