Home धर्म/ज्योतिष भगवान गणेश हैं कलियुग के धूम्रकेतु सवारी है नीला घोड़ा…

भगवान गणेश हैं कलियुग के धूम्रकेतु सवारी है नीला घोड़ा…

47
0
SHARE

गणेश चतुर्थी से आरंभ हुए गणपति उत्सव का आज पांचवा दिन है. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. सुमुख के लंबोदर गजानन और एकदंत होने की कथा जानी. उनके इन विग्रहों का महत्व समझा. पार्वतीनंदन का महत्वपूर्ण स्वरूप धूम्रकेतु भी है. घोर कलियुग में इनका यह रूप सर्वकल्याणकारी होगा जो समस्त दोषों और पापों को नष्ट करेगा.

महाभारत में कलियुग के बारे में कहा गया है कि लोग अत्यंत स्वार्थी, आडंबरयुक्त, भ्रष्ट और अल्पायु होते जाएंगे. जीवन स्पान निरंतर घटेगा. मनुष्य अतिकृपण हो जाएगा और थलचर जीवों के समान भोगी व्यवहार करेगा. ऐसे में घोर कलियुग में धर्म रक्षार्थ भगवान श्रीगणेश धूम्रकेतु के रूप में आएंगे.

रिद्धी-सिद्धी के स्वामी श्रीगणेश का वर्ण धूम्र होगा. अपने धूम्रवर्ण के कारण ही वे धूम्रकेतु कहलाएंगे. धूम्रकेतु के दो हाथ होंगे. उनका वाहन नीले रंग का अश्व होगा. उनके नाम शूर्पकर्ण, धूम्रवर्ण और धूम्रकेतु होगा. इस रूप में भक्तों का कल्याण और रक्षा करेंगे. घोर कलियुग में भगवान विष्णु भी कल्कि अवतार लेंगे.

धूम्रकेतु की देह से नीली ज्वालाएं उठेंगी. विनय के प्रतीग गजानन इस रूप में क्रोधी भी होंगे. पापियों पर उनका क्रोध दण्डस्वरूप होगा. अपनी खड्ग से पापियों के समूल नाश तक वे इसी स्वरूप में रहेंगे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here