पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से राजधानी और आसपास का इलाका तरबतर है। नदी-नाले उफान पर हैं और सभी बांध लबालब हैं। क्षमता से अधिक पानी आने के कारण तीन साल बाद कोलार डैम के दो गेट खोलना पड़े। इससे पहले 2016 में इस डैम के गेट खोले गए थे। पहली बार कलियासोत डैम के 6 और इस सीजन में भदभदा के 4 गेट खोलकर अतिरिक्त पानी की निकासी की गई।
भारी बारिश से जनजीवन भी अस्तव्यस्त है। निचले इलकों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने इस सीजन में एक साथ 8 जिलों में रेड, 8 जिलों में ऑरेंज और 16 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। बाकी जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
बारिश के मद्देनजर पहली बार भोपाल के कोलार डैम के दो गेट खोले गए हैं। डैम में फुल रिजर्व वाटर लेवल 462.20 मी. के पार पहुंच गया। इसके बाद डैम दो गेट 4 के बाद खोल दिए गए। रविवार रात 8 बजे इसका जलस्तर 460.60 मी. पर पहुंच गया। भोपाल में सितंबर में औसत बारिश का कोटा 16.87 सेमी है। सोमवार 12 बजे तक कोटे से ज्यादा 30.2 सेमी हो चुका है। राजधानी में इस सीजन में अब तक 150.6 सेमी बारिश हो चुकी है। लगातार बारिश से विदिशा स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया।
हरदा, होशंगाबाद, मंदसौर, नीमच, नरसिंहपुर, रायसेन, रतलाम और सीहोर में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।बड़वानी, दमोह, धार, देवास, इंदौर, राजगढ़, विदिशा और उज्जैन में अति भारी बारिश की चेतावनी है। आगर, अलीराजपुर, अशोकनगर, बालाघाट, भोपाल, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, गुना, जबलपुर, खंडवा, खरगौन, मंडला, शाजापुर, सिवनी और सागर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। कलेक्टर तरुण पिथोड़े के निर्देश पर विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। नदी, नाले, मूर्ति विसर्जन स्थल और निचली बस्तियों का निरीक्षण कर जलभराव की स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे तो बारिश से राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद भी कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़ रहे हैं।
कलेक्टर स्वयं शहर के सेक्टर बी धामखेड़ा स्थित प्राथमिक स्कूल में बनाए गए राहत शिविर पहुंचे। वे नगर निगम की टीम के साथ खटलापुरा घाट भी पहुंचे। कलेक्टर ने बताया कि जिन स्कूलों में परीक्षा है, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। देवास, उज्जैन, जबलपुर में भी प्रशासन ने छुट्टी घोषित कर दी। मंगलवार को स्कूलों में मोहर्रम की भी छुट्टी है।
राजधानी में रविवार सुबह 8:30 से रात 11:30 बजे तक 4 इंच से ज्यादा यानी 10.30 सेमी बारिश हुई। ऐसा 58 साल पहले 1961 में हुआ था, जब 2 सितंबर काे 4.4 इंच बारिश हुई थी। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि ओडिशा में बना लो प्रेशर एरिया मूव करता हुआ उत्तर पूर्वी मप्र और उससे सटे छत्तीसगढ़ के इलाकाें में पहुंच गया। इसके कारण बारिश हो रही है।एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर पूर्वी मप्र के आसपास बना हुआ है साथ ही साथ हवा के ऊपरी भाग में 7.6 किमी की ऊंचाई तक चक्रवाती हवाओं का बना हुआ है। मानसून द्रोणिका मीन सी-लेवल पर गंगानगर, करनाल, इटावा से कम दबाव के क्षेत्र होते हुए डाल्टनगंज बांकुरा डायमंड हार्बर से बंगाल की खाड़ी तक गया है।