हिमाचल के सभी कॉलेजों में अब वर्चुअल क्लास रूम बनाए जाएंगे। शिक्षण संस्थानों में डिजिटल ब्लैक बोर्ड भी स्थापित किए जाएंगे। सोमवार को नई दिल्ली में हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार ने इसके लिए हिमाचल सरकार को फंड देने की हामी भरी। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव उच्च शिक्षा आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई बैठक में यूजीसी, एआईसीटी सहित विभिन्न विभागों के शिक्षा सचिव मौजूद रहे। हिमाचल की ओर से उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा बैठक में शामिल हुए।
वर्चुअल क्लास रूम के माध्यम से प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहे कॉलेजों में पढ़ाई करवाई जाएगी। इस तकनीक से प्रोफेसर एक कॉलेज में बैठकर अन्य कॉलेजों में बैठे विद्यार्थियों को पढ़ाई करवा सकते हैं। प्रदेश सरकार भी इसको लेकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण में वर्चुअल क्लास रूम शुरू करने की घोषणा की है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार से इस योजना के तहत फंड मिलने से प्रदेश सरकार की राह कुछ आसान होगी। बैठक के दौरान उच्च शिक्षा निदेशक ने वर्चुअल क्लास रूम का मामला उठाया। केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को लेकर सकारात्मक आश्वासन देते हुए फंड देने की बात कही।
इसके अलावा कॉलेजों में डिजिटल ब्लैक बोर्ड लगाने को भी पैसा देने की सहमति बनी। उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि पीएबी की बैठक में कॉलेजों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने पर जोर दिया गया।बैठक के दौरान ठियोग कॉलेज को रूसा ग्रांट के तहत दो करोड़ का बजट देने का फैसला भी लिया गया। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए केंद्रीय मंत्रालय ने कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान करने के लिए बजट मंजूर किया। इस राशि से कॉलेज में लैब के उपकरण खरीदे जाएंगे। पुस्तकालय को आधुनिक बनाया जाएगा। खेल मैदान सुधारा जाएगा। रूसा ग्रांट के तहत प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों को बीते समय में मिले बजट को समय से खर्च करने पर केंद्र सरकार ने हिमाचल के अधिकारियों की पीठ भी थपथपाई। हिमाचल के कॉलेजों ने रूसा ग्रांट में मिले कुल बजट की 83 फीसदी राशि तय समय में खर्च कर यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा करवाए हैं।
अनिमेष