मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जद्दोजहद को लेकर पार्टी नेता उलझन में फंसे हुए है. ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. इन दिनों राजनीतिक हलकों में कयास लगाया जा रहा है कि सिंधिया की नजर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर है. ऐसे में देखना होगा कि सोनिया से सिंधिया की मुलाकात मध्य प्रदेश में कांग्रेस की उलझन सुलझ पाएगी?
सिंधिया से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ दो बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल चुके हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पार्टी कई गुटों में बंटी हुई नजर आ रही है. सिंधिया के समर्थक खुलकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं.
कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने सार्वजनिक रूप से दिग्विजय सिंह के खिलाफ टिप्पणी करके मध्य प्रदेश की सियासत में हड़कंप मचा दिया है. इसे लेकर सोनिया गांधी ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. इस रस्साकशी के पीछे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी मानी जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोनिया गांधी से मध्य प्रदेश में पार्टी की कमान संभालने की इच्छा जाहिर की है. कांग्रेस आलाकमान के फैसले ने सिंधिया को दो बार निराश किया है. पहली बार मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले जब सिंधिया कयास लगाए बैठे थे, तब पार्टी की कमान कमलनाथ को सौंप दी थी.
विधानसभा चुनाव के बाद सिंधिया ने मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लगाई हुई थी, मगर एक बार फिर बाजी कमलनाथ ने मार ली. इसके पीछे कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कमलनाथ को समर्थन भी माना जा रहा है. यही वजह है कि इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया पीछे हटने के मूड में नहीं है.हालांकि माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाने के लिए कमलनाथ ने कांग्रेस नेता बाला बच्चन के नाम का कार्ड खेल दिया है. बाला बच्चन आदिवासी नेता है और ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके संबंध ठीक-ठाक हैं. लोकसभा चुनाव में बाला बच्चन ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रचार करने भी गुना पहुंचे थे. इससे पहले ग्वालियर चंबल इलाके में हुए उपचुनावों में भी वे सिंधिया के साथ प्रचार कर चुके हैं.