मध्य प्रदेश में 14 और 15 सितंबर की आधी रात रेत खनन मामले में कार्रवाई को लेकर दो अफसरों के बीच हुए झगड़े का मामला मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंच गया है और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री आज सोमवार को इस संबंध में होशंगाबाद के जिलाधिकारी शीलेंद्र सिंह और उप जिलाधिकारी रवीश श्रीवास्तव के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं.
राज्य के मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने रविवार को ही दो अधिकारियों के बीच झगड़े की जांच के आदेश दे दिए थे और माना जा रहा है कि नर्मदापुरम मंडलायुक्त आरके मिश्रा ने एक ही दिन में जांच पूरी कर ली और रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. रिपोर्ट में माना जा रहा है कि मंडलायुक्त ने दोनों ही अफसरों को अनुशासनहीनता का दोषी पाया है.
उप जिलाधिकारी रवीश श्रीवास्तव ने रविवार को आरोप लगाया था कि जिलाधिकारी ने उन्हें अवैध खनन को लेकर बीजेपी विधायक और राज्य विधानसभा के पूर्व स्पीकर के रिश्तेदार के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था. उप जिलाधिकारी का यह भी आरोप है कि जिलाधिकारी ने अपने सरकारी आवास पर उन्हें आधी रात को करीब 3 घंटे तक बंधक बनाए रखा और उनसे कार की चाबी लेकर पैदल ही घर जाने को मजबूर भी किया.
दूसरी ओर, उप जिलाधिकारी रवीश श्रीवास्तव को ही पद से हटाने वाले जिलाधिकारी ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और कहा कि अधिकारी लैंड डील को लेकर चर्चा के लिए खुद उनके आवास पर आए थे.
राज्य के कानून मंत्री पीसी शर्मा जो खुद होशंगाबाद जिले के प्रभारी मंत्री हैं, उनका नाम भी दो अधिकारियों के बीच झगड़े में आया. उप जिलाधिकारी ने आरोप लगाया कि उनका जिले में खुद का खनन का कारोबार है. पीसी शर्मा ने कहा, ‘जिले में रेत खनन के लिए रॉयल्टी के ई-पंजीकरण में हेरफेर की नियमित शिकायतें आती रही है और मैंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है नर्मदापुरम मंडलायुक्त मानते हैं कि दोनों अधिकारियों ने अपने कर्तव्य और अनुशासन के नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया है और दोनों अफसरों को जिले से दूर किया जा सकता है