हिमाचल में इस शैक्षणिक सत्र से शिक्षा का अधिकार अधिनियम संशोधन 2019 लागू होते ही 5वीं और 8वीं कक्षा की वार्षिक लिखित परीक्षा में पास होने के लिए अंक नंबर लेना जरूरी रहेगा। लिखित परीक्षा 85 अंकों की होगी। 15 नंबर आंतरिक आकलन आधार पर दिए जाएंगे।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले करीब सवा लाख बच्चे इस शैक्षणिक साल में पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षा में भाग लेंगे। सूबे के शीतकालीन स्कूलों की दिसंबर और ग्रीष्मकालीन स्कूलों के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं मार्च में होंगी। पांचवीं में करीब 63 हजार और आठवीं में करीब 65 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं।
अगस्त में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस शैक्षणिक सत्र से ही पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में जाने के लिए परीक्षा पास करने की व्यवस्था को मंजूरी दी गई है। दोनों कक्षाओं की परीक्षाओं के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रश्नपत्र तैयार करेगा। उत्तर पुस्तिकाएं भी बोर्ड ही उपलब्ध करवाएगा। जिला उपनिदेशक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाएंगे।
वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को दो माह में फिर परीक्षा का मौका मिलेगा। इन दो माह के भीतर फेल हुए विद्यार्थियों के लिए एक्सट्रा क्लास लगाई जाएगी। दोबारा होने वाले परीक्षा में भी फेल होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा। पहली से चौथी और छठी व सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को असेसमेंट आधार पर ही अगली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। इन कक्षाओं के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी जारी रहेगी।