Home हिमाचल प्रदेश जेलों में बंद 2450 कैदी उद्योगों में करेंगे काम ईपीएफ भी कटेगा..

जेलों में बंद 2450 कैदी उद्योगों में करेंगे काम ईपीएफ भी कटेगा..

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हिमाचल की 14 जेलों में बंद 2450 कैदी अब उद्योगों में काम कर अपनी आजीविका कमाएंगे। ये कैदी सुबह उद्योगों में काम करने जाएंगे और आठ घंटे ड्यूटी के बाद वापस जेल आ जाएंगे। प्रदेश की जेलों में 87 महिला कैदी भी हैं। अन्य कर्मचारियों की तरह इन कैदियों का भी ईपीएफ कटेगा। कैदियों का रोजगार कार्यालय में पंजीकरण हो, इसके लेकर जेल प्रशासन सरकार से बात कर रहा है। ऐसी व्यवस्था करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन जाएगा।

जेलों में कैदियों की सकारात्मक व्यस्तता विषय पर शिमला में सोलह राज्यों के जेल अधिकारियों का दो दिवसीय सेमीनार में डीजी (जेल) सुमेश गोयल ने यह बात कही। हाथ-हाथ को काम, जेल से जॉब तक इस योजना पर जेल प्रशासन काम कर रहा है। सुमेश गोयल ने कहा कि हिमाचल में अब जो जेलें बनेंगी वे औद्योगिक क्षेत्र के आसपास होंगी, ताकि कैदियों को रोजगार मिले।

अभी जेलों में कैदी तरह-तरह का सामान तैयार कर रहे है। शहरों और गांवों में कैदी गाड़ियों में अपने प्रोडक्ट लेकर जा रहे हैं। हिमाचल में इस समय 6 मोबाइल कैंटीन चलाई जा रही है। ये कैंटीनें शिमला, हमीरपुर, धर्मशाला जैसे शहरों में चलाई जा रही हैं।सुमेश गोयल ने बताया कि पर्यटन सीजन के दौरान महिला कैदियों ने होटलों के लिए सब्जियां काटी हैं। महिला कैदियों ने  एक सीजन में रिकॉर्ड 25 टन सब्जियां काटी हैं।

हिमाचल में एनसीसी की यूनिफार्म बनाने का काम कैदी कर रहे हैं। आरकेएमवी एनसीसी छात्रों के लिए कैदी वर्दी तैयार करेंगे। सुमेश गोयल ने कहा कि सरकार चाहे तो स्कूली छात्रों के बैग भी कैदी बना सकते हैं। अस्पतालों के लिए कंबल बनाने का काम भी कैदी कर रहे हैं। हिमाचल में प्राइवेट स्कूलों में फर्नीचर तैयार करने का काम कैदी कर रहे है। शिमला के एसपीएस स्कूल का फर्नीचर कैदियों ने ही तैयार किया है। कैदी लोगों के घरों की छतें डालने का काम भी कर रहे हैं। कैदियों की कमाई का पैसा उनके बैंक खाते में जाते हैं, क्योंकि जेल प्रशासन ने कैदियों के बैंक खाते भी खोल रखे हैं।

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