भाेपाल | राजधानी में बुधवार रात 8:30 बजे तक 11.9 मिमी बारिश हुई। इसके बाद मानसून सीजन में बारिश का अांकड़ा 169.4 सेमी (1694.0 मिमी) हाे गया। माैसम केंद्र के वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि उपलब्ध अांकड़ाें के अनुसार यह भोपाल में अब तक की सर्वाधिक बारिश है। इसने 2006 में हुई मानसून सीजन की कुल बारिश 168.64 सेमी (1686.4 मिमी) का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। राजधानी में इस महीने 45.78 सेमी (457.8 मिमी) बारिश हो चुकी है। यह 20 साल बाद सितंबर में हुई दूसरी सबसे ज्यादा बारिश है। इससे पहले 1999 में सितंबर में 46.1 सेमी (461.0 मिमी) बारिश हुई थी।
राजधानी के बड़े तालाब यानी भोज वेटलैंड और कलियासोत डैम में जितना पानी अभी भरा हुआ है, उससे सवा गुना पानी इस बार भदभदा से कलियासोत के जरिए बेतवा नदी में बहाया जा चुका है। बड़े तालाब की भराव क्षमता करीब 104 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) अाैर कलियासोत की 34 एमसीएम है। इस तरह दोनों की कुल भराव क्षमता करीब 138 एमसीएम है। इस साल 17 सितंबर तक कलियासोत डैम के गेट कुल 16, भदभदा के 18 अाैर केरवा के 26 बार खोले गए हैं, इस दौरान कुल (आउटकम) 170 एमसीएम यानी 170 अरब लीटर से ज्यादा पानी डैम से बाहर निकाला गया है।
भोपाल में मानसून सीजन में कुल सामान्य बारिश 108.66 सेंटीमीटर है। 17 सितंबर तक 91.93 सेंटीमीटर सामान्य बारिश हर साल हाेना चाहि , लेकिन इस सीजन में अब तक 169.40 सेंटीमीटर बारिश हो चुकी है। जो सामान्य से 83 फीसदी से अधिक है।
भोपाल जिले में 9 प्रमुख डैम और तालाब हैं, जिनमें बारिश का साफ पानी जमा होता है। सभी पिछले एक माह से फुल-टैंक लेवल तक भरे हुए हैं, और बार-बार ओवरफ्लो हो चुके हैं। इन सभी की कुल जल भराव क्षमता 221.7 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है। सबसे ज्यादा 101.60 एमसीएम पानी बड़े तालाब (भदभदा डैम) में समाता है। दूसरे नंबर पर कलियासोत डैम है, जिसमें 34.41 एमसीएम पानी समाता है। तीसरा बड़ा डैम केरवा है जिसमें 22.56 एमसीएम पानी भरता है।
इस सीजन में भदभदा से अब तक 6200 एमसीएफटी यानी करीब 200 एमसीएम पानी निकाला जा चुका है। यह कलियासाेत के जरिए बहाया गया। इसमें से कलियासाेत में 30 एमसीएम राेककर 170 एमसीएम पानी वहां से बहाया गया। इतना पानी दाेनाें की भराव क्षमता का करीब 123 फीसदी यानी सवा गुना अधिक है। 138 एमसीएम पानी अभी दाेनाें में उपलब्ध है