ऐसा लगता है कि टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. कुछ ही दिन पहले कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने साफ कर दिया था कि पंत की गलती अब ज्यादा दिन वहन नहीं की जाएंगी. लेकिन गलती पर गलतियां जारी हैं. पहले विंडीज दौरे में और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को मोहाली में खेले गए दूसरे टी-20 (IND vs RSA, 2nd T20I) में हालात जस के तहस. और क्रिकेटप्रेमियों को मौका मिला, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर ऋषभ पंत की जमकर खिंचाई की.
पंत एक बार फिर से मिले मौके को तब नही भुना सके, जब वह सिर्फ 4 रन बनाकर 14वें ओवर में ही पवेलियन लौट गए. यह भी नहीं कह सकते कि उनके हिस्से में ओवर कम आए थे. और पंत की इस विफलता के साथ ही उनकी नाकामियों में एक और अध्याय जुड़ गया. वास्तव में खेले 19 टी20 मैचों में 20.40 का औसत वह बात है, जो पंत के स्तर से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता.यह सही है कि टेस्ट में ऋषभ पंत का औसत 44.35 है. और टेस्ट में जड़े दो शतकों के चलते ही बीसीसीआई ने उन्हें सभी फॉर्मेटों में मौका देने का फैसला किया, लेकिन खेले 12 वनडे मैचों में भी उनका औसत 22.90 का है. इन 12 मैचों में वह एक भी अर्द्धशतक जड़ने में नाकाम रहे हैं.
मैच के बाद जहां प्रशंसकों ने उनका जमकर मजाक बनाया, तो कुछ ने गंभीर आलोचना भी की. और कई प्रशंसकों ने तो अब पंत की नाकामी के चलते किसी और दूसरे विकेटकीपर को टीम में शामिल करने की मांग कर डाली है. एक तरफ पंत की नाकामी है, तो दूसरी तरफ न केवल उन पर संजू सैमसन, ईशान किशन और एस भारत के प्रदर्शन ने दबाव बनाया हुआ है, बल्कि रवि शास्त्री की वॉनिंग ने पंत की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. साफ है कि अगर आने वाले मैचों में पंत ने अपना प्रदर्शन नहीं सुधारा, तो फिर बीसीसीआई अपनी नीति में बदलाव करने को मजबूर हो सकता है.