Home मध्य प्रदेश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा सुरक्षा बलों को रासायनिक और जैविक...

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा सुरक्षा बलों को रासायनिक और जैविक युद्ध से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत है…

43
0
SHARE

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को ग्वालियर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिस्थापना के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में युद्ध के दौरान किसी भी स्तर पर देश की कार्यशैली और ढांचागत सुविधाओं को बाधित करने के लिए रासायनिक और जैविक हमले किए जाने की संभावना है।  इन चुनौतियों से निपटने के लिए देश के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। रक्षा मंत्री ने कहा कि कई ऐसे स्थानों पर जहां हमारे सुरक्षा बल तैनात हैं संभावित दुश्मनों द्वारा ऐसे हमले किए जा सकते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा रासायनिक और जैविक हमलों से जीवन, स्वास्थ्य, संपत्ति और वाणिज्य को ऐसा नुकसान पहुंचेगा जिससे उबरने में लंबा समय लग सकता है।  सिंह ने कहा कि डीआरडीई के वैज्ञानिकों ने टॉक्सिक एजेंटों की पहचान करने और इससे सुरक्षा की तकनीक विकसित की है। मैं इस बात को लेकर विश्वस्त हूं कि आतंकवाद चाहे जो भी खतरा पैदा करे, हमारे वैज्ञानिक उससे निपटने में सक्षम हैं। टॉक्सिक एजेंटो की पहचान करके हम सफलतापूर्वक रासायनिक और जैविक हमलों से सुरक्षा और इसके कारण होने वाले संक्रमण को रोक सकते हैं।

रक्षामंत्री ने डीआरडीई का जायजा लेने के बाद वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की जमकर तारीफ की। बोले- आपने जो अचीवमेंट हासिल किए हैं, उसके लिए दिल की गहराईयों से बधाई देता हूं। और भी बहुत सारी चीजें देखी हैं। उसे पब्लिकली नहीं बता सकता हूं। अगर बोलूंगा तो अभी तूफान खड़ा हो जाएगा। मैं समझता हूं कि जो भी अक्लमंद देश में होंगे, उनके लिए मेरा इतना ही कहना पर्याप्त होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि डीआरडीई की शिफ्टिंग यहां का स्थानीय मामला है। उच्च न्यायालय का कोई आदेश था, जिसमें डीआरडीई की 200 मीटर की सीमा में आने वाले भवनों को हटाने का आदेश हुआ था। ये प्रस्ताव राज्य कैबिनेट के अधीन है। मैं इतना ही कहूंगा कि भूमि का आवंटन होते ही डीआरडीई की परिधि को 200 मीटर से जितना अधिकतम कम किया जा सकता है। उसे किया जाएगा। जिससे भवनों को कम से कम नुकसान हो। इसे निश्चित अवधि में पूरा करेंगे।

बैठक में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख डॉ. जी सतीश रेड्डी भी बैठक में उपस्थित रहे। सांसद विवेक शेजवलकर इस बारे में रक्षामंत्री से बात करेंगे। जिला प्रशासन ने डीआरडीई की शिफ्टिंग के लिए महाराजपुरा क्षेत्र में 300 बीघा जमीन चिह्नित की थी। इसका प्रस्ताव 22 अगस्त को राज्य सरकार को भेज दिया है। डीआरडीई के 200 मीटर दायरे में बनाई गई संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। इस दायरे में आ रही 122 सरकारी और निजी संपत्तियों की कीमत 9 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। डीआरडीई की ओर से पहले भी जमीन की मांग की गई थी, लेकिन उसमें दायरा कम करने का उल्लेख नहीं किया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here