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CM ने कहा भोज मेट्रो होगा नाम, विधायक मसूद ने कहा दादा भाई भोपाल मेट्रो ही रहने दो..

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राजधानी भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ की घोषणा का भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने विरोध कर दिया। विधायक की बात सुनते ही मुख्यमंत्री असहज महसूस करते हुए विधायक की तरफ देखने लगे। दरअसल, एमपी नगर में गायत्री मंदिर के पास भोपाल मेट्रो के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की ये मेट्रो भोज मेट्रो के नाम से जानी जाएगी। मुख्यमंत्री का संबोधन खत्म होते ही भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने मेट्रो का नाम राजा भोज के नाम पर किए जाने का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में धन्यवाद भाषण के लिए मंच पर आए विधायक आरीफ मसूद ने मुख्यमंत्री की ओर देखते हुए कहा- दादा भाई राजा भोज के नाम से कई काम हो चुके हैं और हो रहे हैं। इसलिए मेट्रो प्रोजेक्ट का नाम भोपाल मेट्रो ही रहने दिया जाए। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गायत्री मंदिर के पास मेट्राे रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। 11 पंडितों ने मुख्यमंत्री से भूमिपूजन कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पट्टिका का अनावरण किया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, मंत्री पीसी शर्मा, गोविंद सिंह, आरिफ अकील और जयवर्धन सिंह, पूर्व सांसद सुरेश पचौरी और महापौर आलोक शर्मा मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश एक इतिहास बनाने जा रहा है। युवा अवस्था में जब भोपाल आते थे तो यहां की झील को देखकर दुख होता था। जब मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री था तब इस झील के रखरखाव के लिए राशि आवंटित की थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए मुझे यह अनुभव हुआ कि जब मेट्रो रेल जयपुर में, दिल्ली में चल सकती है तो फिर भोपाल में क्यों नहीं आ सकती है। उन्होंन भोपाल मेयर से अपील की कि आप यहां के लोगों की मदद करें, दिल्ली जाएं और केंद्र सरकार से मदद की अपील करें।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कोठारी ने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर को कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने का विरोध किया। राहुल ने कहा कि भोपाल में इस प्रोजेक्ट का काम पहले ही शुरू हो गया है। कांग्रेस सरकार जनता को धोखा दे रही है। राजधानी में चलने वाली मेट्राे रेल जयपुर की मेट्राे रेल जैसी ही हाेगी, लेकिन वहां 6 कोच की मेट्राे चलती है, यहां तीन की मेट्रो चलेगी। शुरुआत भले तीन काेच की ट्रेन से हाेगी, लेकिन यात्रियाें की संख्या बढ़ने पर काेच में इजाफा किया जाएगा। यात्रियाें काे स्टेशन पर ज्यादा इंतजार नहीं करना हाेगा, उन्हें हर पांच मिनट में स्टेशन से मेट्राे रेल मिलेगी। हर स्टेशन पर ट्रेन 30 सेकंड ही रुकेगी।

राजधानी में कुल 27.87 किलाेमीटर के दो रूट एम्स से करोंद (14.99 किमी) व भदभदा से रत्नागिरी (12.88 किमी) पर मेट्राे रेल चलनी हैं, इसमें 6941.4 कराेड़ रुपए की लागत आएगी। मेट्राे रेल कार्पोरेशन के अधिकारियाें का दावा है कि दोनों रूट पर 2023 तक रेल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

हालांकि, यह भी संभावना है कि एम्स से सुभाष नगर फाटक के बीच का हिस्सा पहले चालू कर दिया जाए। इन दोनों स्टेशनों की 6.22 किमी के बीच की दूरी 10 मिनट में पूरी हाेगी। मेट्रो के रूट पर कुल 27 मेट्राे रेल दाैड़ेंगी। हालांकि, शुरुआत 8 ट्रेनाें से ही हाेगी। शेष ट्रेनें डेढ़ से दाे साल के भीतर यात्रियाें की संख्या काे देखते हुए बढ़ाई जाएंगी। मेट्रो के लिए अब तक भोपाल में 278 करोड़ रुपए के टेंडर हो चुके हैं। सॉइल टेस्टिंग और डिजाइन टेस्टिंग का काम हो गया है। जमीन में भार की क्षमता के लिए पाइल टेस्टिंग भी सफल हुई है। तीन स्थानों पर डिजाइन के हिसाब से जमीन के नीचे पाइल टेस्टिंग की गई। मेट्रो का टेक्निकल बैकग्राउंड वर्क पूरा हो चुका है।

मेट्राे रेल के ट्रैक पर रफ्तार की सीमा 90 किमी/घंटा तक हाेगी। हालांकि मेट्राे रेल अधिकतम 80 किमी/ घंटा की रफ्तार से ही चलेगी। जयपुर में मेट्राे का किराया पांच से 15 रुपए है। हालांकि, भाेपाल में मेट्राे रेल का किराया अभी तय नहीं किया गया है।

यहां मेट्राे चलाने का लक्ष्य 2023 तय किया गया है। पिछले दिनाें मुख्यमंत्री ने काम तय समय से पहले पूरा करने को कहा है।भोपाल की अाबादी करीब 25 लाख है, जबकि शहर में वाहनाें की संख्या 18 लाख 47 हजार है। एेसे में ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहता है। इस रूट पर सुबह अाैर शाम के पीक अॉवर्स में करीब दाे लाख वाहन गुजरते हैं, एेसे में इस रूट पर मेट्राे रेल की शुरुअात से ट्रैफिक लाेड कम हाेगा

सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक लागू रहेगा।  इस दौरान गुरुदेव गुप्त चौराहे से गवर्नमेंट प्रेस की ओर एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मुख्यालय के सामने एमपी नगर, अरेरा हिल्स, मंत्रालय आदि की ओर ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा।मैं श्रेय की लड़ाई की संकीर्णता में कभी नहीं रहा। भोपाल व इंदौर के मेट्रो की सारी औपचारिकताएं भाजपा सरकार ने पूरी कर दी थीं, केवल शिलान्यास रह गया था। कांग्रेस उसका शिलान्यास करे, लेकिन यह न कहे कि उन्होंने 9 महीने में ही सब कर दिया।

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