भारत ने आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हर दावों की बखिया उधेड़ दी. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने ‘राइट टू रिप्लाई’ के तहत इमरान खान के भड़काऊ बयान का जवाब दिया. विदिशा ने कहा कि इमरान खान ने जो कुछ भी कश्मीर को लेकर कहा वह झूठ है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भड़काऊ बयान दिया.
विदिशा मैत्रा ने कहा, ”क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि यह (पाकिस्तान) दुनिया की एकमात्र सरकार है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा और अन्य आतंकियों को पेंशन देती है?” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यूएन के मंच का दुरुपयोग किया और गुमराह करने की कोशिश की. मैत्रा ने कहा कि पाकिस्तान ने खुलेआम आतंकी ओसामा बिन लादेन का बचाव किया था.मैत्रा ने आगे कहा, ”पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर है और उनपर जुल्म हो रहे हैं. 1947 की तुलना में आज कुछ फीसदी भर अल्पसंख्यक बचे हैं.”
क्या पाकिस्तान इस तथ्य की पुष्टि कर सकता है कि यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध 130 आतंकवादियों और 25 आतंकवादी संस्थाओं का पनाहगाह आज भी है. क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि वह दुनिया की एकमात्र सरकार है जो संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल अल कायदा और दाएश को पेंशन प्रदान करती है क्या पाकिस्तान समझा सकता है कि आतंकी फंडिंग को लेकर लाखों डॉलर का जुर्माना लगाने के बाद, उसे प्रमुख हबीब बैंक को बंद क्यों करनी पड़ी पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने 27 प्रमुख मापदंडों में से 20 से अधिक के उल्लंघन के मामले में नोटिस दिया. क्या इसे वह झुठला देगा और क्या प्राइम मिनिस्टर इमरान खान न्यूयॉर्क में इससे इनकार करेंगे कि वह ओसामा बिन लादेन के रक्षक थे?
कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसलों से बौखलाए इमरान खान ने शुक्रवार को कहा था कि भारत को कश्मीर में ‘अमानवीय कर्फ्यू’ हटाना चाहिए और सभी बंदियों को रिहा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव, शिमला समझौते और स्वयं अपने संविधान का उल्लंघन किया है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘विश्व समुदाय क्या कर सकता है..क्या वह 1.2 अरब की आबादी का तुष्टिकरण करेगा अथवा वह न्याय एवं मानवता के लिए खड़ा होगा. ’’ भारत द्वारा कर्फ्यू हटाये जाने के बाद कश्मीर में स्थिति बिगड़ने का दावा करते हुए खान ने कहा, ‘‘आप सर्वोत्तम की उम्मीद करिए किंतु सबसे बुरे के लिए तैयार रहिए.’’
उन्होंने कहा कि जब कर्फ्यू हटेगा तो कश्मीर में प्रतिक्रिया होगी और भारत पाकिस्तान पर दोषारोपण करेगा. उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद उत्पन्न हुई स्थिति का परोक्ष संकेत देते हुए कहा, ‘‘दो परमाणु संपन्न देशों के बीच आमने सामने की तनातनी होगी, जैसा कि हमने फरवरी में देखा खान ने कहा, ‘‘यदि दोनों देशों के बीच पारंपरिक युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है. एक देश, जो अपने पड़ोसी से सात गुना छोटा है, उसके समक्ष यह परिस्थिति है..या तो आप आत्मसमर्पण कर दे अथवा आप अपनी स्वतंत्रता के लिए मृत्युपर्यन्त लड़ता रहे.’’
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में उनका देश लड़ेगा.और जब एक परमाणु हथियार क्षमता संपन्न देश अंत तक लड़ता है तो इसके नतीजें सीमाओं से परे चले जाते हैं..इसके विश्व के लिए नतीजें होंगे…मैं आपको आगाह कर रहा हूं, यह कोई खतरा नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस दिशा में आगे बढ़ें, इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की एक जिम्मेदारी है. इसी कारण से संयुक्त 1945 में अस्तित्व में आया था. उम्मीद की जाती है कि आपको इसे होने से रोकना है.’’
इमरान खान ने कहा, ‘‘हम जब सत्ता में आये तो हमने निर्णय किया कि हम (आतंकी समूहों को)ध्वस्त करेंगे…मैं जानता हूं कि भारत यह आरोप लगाता रहा है कि ऐसे समूह वहां हैं. मैं संरा पर्यवेक्षकों का स्वागत करता हूं कि वे स्वयं आकर देखें.’’ उन्होंने इस वैश्विक संगठन से उन कदमों पर विचार करने के लिए कहा जो पाकिस्तान में आतंकी समूहों के खिलाफ उठाये गये हैं