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भोपाल में लगातार दूसरे दिन बढ़ा प्रदूषण,..

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 राजधानी में लगातार दूसरे दिन भी हवा की गुणवत्ता खराब रही। सुबह से दोपहर 12 बजे तक एंबिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स 222 तक रिकाॅर्ड हुआ। प्रदूषण की मार अब प्रदेश के पूर्वी हिस्से पर भी पड़ने लगी है। 235 एक्यूआई के साथ मंगलवार को दमोह प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। भोपाल में शाम 4:30 बजे तक हवा की गुणवत्ता काफी खराब रही। इसके बाद मामूली सुधार हुआ और एक्यूआई 200 के नीचे आ गया।

अरब सागर में लो-प्रेशर एरिया बना हुआ है, वहीं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बना है। दोनों ओर से नमी आ रही है। यह नमी मिड ट्रोपोस्फियर (4 किमी की ऊंचाई पर) जमा हो जाने से बादलों जैसा आवरण बन गया है। 3 से 6 किमी के बीच हवा एकदम शांत होने से न तो यह बादलों जैसा आवरण हट रहा है, न ही शहर में पैदा होने वाले धुएं और धूल को बाहर निकलने दे रहा है। नमी के इस आवरण के नीचे धुआं और डस्ट जमा हो जाने से धुंध की स्थिति बन गई है। अभी जिस तरह का प्रदूषण है यदि यह नहीं हटा और हर साल की तरह इस बार भी दीपावली पर खूब पटाखे फोड़े गए तो यही प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच जाएगा। इसलिए मेरी गुजारिश है कि कचरा जलाने और पटाखे फोड़ने से परहेज करें। यह हमारी आपकी जिंदगी और सेहत का सवाल है। 

वातावरण में मौजूद 2.5 माइक्रोग्राम/घनमीटर (एमजीसीएम) से छोटे धूल के कण।   आज का औसत 205 रहा। स्वीकार्य मात्रा 30 एमजीसीएम यानी 175 एमजीसीएम ज्यादा।कारण… वातावरण में धूल रहने से बड़े कण टूटकर छोटे हो रहे हैं। इसका कारण टूटी सड़कें, हरियाली की कमी और निर्माण कार्य है।

वातावरण में मौजूद 10 एमजीसीएम से छोटे धूल के कण।  आज का औसत 149 रहा। स्वीकार्य मात्रा 50 एमजीसीएम यानी 99 एमजीसीएम ज्यादा। कारण… शहर में ठीक से सफाई नहीं होना, कचरा जलाया जाना,  सड़कों के कच्चे शोल्डर गड्‌ढे,  घटती हरियाली और बिल्डिंग मटेरियल वेस्ट डिस्पोजल न होना।

यह नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड है, जो धुएं का एक हिस्सा है।   आज का औसत 58 रहा। स्वीकार्य मात्रा 0 से 40 माइक्रोग्राम/घनमीटर। कारण… एलर्जी के कारण होने वाले जुकाम का यह सबसे बड़ा कारण है। डीजल और कोयला से चलने वाले इंजन और मशीनें इसके सबसे बड़े उत्सर्जक हैं। यह सल्फर डाई ऑक्साइड है। तीखी गंध वाली विषैली गैस है।  आज का औसत 11 रहा। स्वीकार्य मात्रा 0 से 40 माइक्रोग्राम/घनमीटर।

कारण… डीजल और पेट्रोल वाहन केरोसिन और कोयला जलाने से यह गैस निकलती है। 15 से 20 साल पुराने वाहन ही इसके उत्सर्जक हैंै। यह कार्बन मोनो ऑक्साइड है, जो जहरीली गैस होती है।  आज का औसत 50 रहा। स्वीकार्य मात्रा 1 एमजीसीएम  पर क्यूबिक मीटर यानी 49 ज्यादा है।

कारण… खटारा और पुराने वाहन, गीला कचरा और कोयला जलाया जाना, स्मोकिंग, गैस स्टोव, औद्योगिक चिमनियों से यह पैदा होती है। ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बनने वाली गैस है, जो जहरीली है। आज का औसत 80 रहा। मात्रा 0 से 50 एमजीसीएम यानी 30 ज्यादा है।कारण… ऑक्सीजन की पराबैगनी किरणों के सम्पर्क में आने पर यह निर्मित होती है। धरती की सतह पर नुकसानदायक है।

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