हमारे पेट में जब भी कोई प्रौब्लम होती है हम उसे अपने खानपान से जोड़ कर देखते हैं, जबकि पेट की हर बीमारी सिर्फ खाने की वजह से हो ऐसा बिल्कुल नहीं है. बल्कि इस के लिए बैक्टीरिया कारण हो सकता है. यह सच है कि पूरी दुनिया की आबादी के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग हेलिकोबैक्टर पायलोरी से संक्रमित हैं और पेट से जुड़ी जितनी भी बीमारियों होती हैं उन सब के लिए यह अकेला ही जिम्मेदार है. अगर इस बैक्टीरिया का सफाया हो जाए, तो आप पेट की किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं होंगे.
हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है, लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है. अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है, जिस से एसिडिटी की प्रौब्लम हो जाती है. मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है. इसके अलावा समय पर भोजन न करने से भी एसिडिटी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है.एसिडिटी की प्रौब्लम से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पीएं. इस के अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं. एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है. नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है.
बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है. ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और इलाज करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ताकि आगे चल कर कोई बड़ा रोग न हो जाए.उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन किया जाए. पुदीने का शरबत भी काफी असरदार हो सकता है.
कब्ज पानी कम पीने से भी होती है. कब्ज की प्रौब्लम होने पर भूख नहीं लगती और शौच में प्रौब्लम होती है.कब्ज की प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए हरी सब्जियां खाएं क्योंकि इन में रेशे की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा आप फल और चोकर युक्त आटा खा सकते हैं.
अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की प्रौब्लम हो जाती है. पेट में आवश्यकता से अधिक गैस बनने से वह शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है. इसलिए गैस की प्रौब्लम होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए.गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. वहीं गैस को ठीक करने के लिए एक नीबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं. इस के अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है.