मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी भाषण शैली के लिए तो जाने जाते ही है लेकिन क्या आपको पता है वो पुस्तकें पढ़ने के भी काफी शौकीन हैं? शिवराज के किताब प्रेम के बारे में लोगों को उस वक्त पता चला, जब वे दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में पहुंचे.
विश्व पुस्तक मेले से शिवराज सिंह चौहान ने कई सारी किताबें खरीदीं. शिवराज ने पवित्र बाइबल, कुरान का हिंदी अनुवाद और हजरत मोहम्मद की जीवनी समेत यथार्थ गीता, जीवन आदर्श एवं आत्मानुभूति, अटल बिहारी वाजपेयी पर आधारित नई चुनौती नया अवसर, बिंदु बिंदु विचार, न दैन्यं न पलायनम्, शक्ति से शांति, विचार बिंदु, कुछ लेख कुछ भाषण, मेरी इक्यावन कविताएं, नरेंद्र मोदी के प्रेरक विचार, अखंड भारत के शिल्पकार सरदार पटेल, चाणक्य और जीने की कला, मैं लोहिया बोल रहा हूं, मैं दीनदयाल उपाध्याय बोल रहा हूं, मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूं पुस्तकें खरीदीं.
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ने मैं राजेंद्र प्रसाद बोल रहा हूं, मैं राधाकृष्णन बोल रहा हूं के साथ ही दुष्यंत कुमार की रचनाओं पर आधारित रचनावली, सत्यार्थ प्रकाश, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा लिखित गांधी जी की देन, मोदी सक्सेस गाथा, कलाम तुम लौट आओ, गांधी के मैनेजमेंट सूत्र, श्री गुरु गोलवलकर जी के प्रेरक विचार, परत, इंफोसिस के चैयरमेन एनआर नारायण मूर्ति की पुस्तक मेरे बिजनेस मंत्र, जवाहरलाल नेहरू की लिखी शहीद- ए- आजम भगतसिंह की जेल नोट बुक समेत कई अन्य किताबें भी खरीदीं.
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, ‘आज नई दिल्ली में पुस्तक मेले में युवा साथियों के साथ #Selfie ली. किताबें हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में अहम योगदान देती हैं. मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि बड़ी संख्या में यहाँ बच्चे और युवा किताबें खरीदने आये हैं. मेरे भांजे-भांजियों, सोशल मीडिया का अपना महत्व है लेकिन किताबों का कोई मुकाबला नहीं कर सकता. इसलिए आप खूब किताबें पढ़ें, इतिहास पढ़ें, साहित्य पढ़ें, महापुरुषों की जीवनी पढ़ें. इससे आप जीवन के महत्व को तो समझेंगे ही, साथ ही आगे भी बढ़ेंगे. सत्साहित्य पढ़ने से ज्ञान मिलता है, मन में अच्छे भाव उत्पन्न होते हैं और जीवन को दिशा मिलती है.’