घरेलू हिंसा का शिकार होने वाली महिलाओं को न्याय दिलवाने में ‘खाकी वाली सखी’ अहम भूमिका निभा रही है। चंबा पुलिस ने घरेलू हिंसा के मामले रोकने को एक स्थायी आदेश प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। जिला मुख्यालय में घरेलू हिंसा की शिकायतों का डाटा तैयार किया गया है। इसे हर माह अपडेट किया जाता है।मामले सुलझाने के बाद 15 दिन में शिकायतकर्ता से बात की जाती है और माले में अपडेट लिया जाता है। अगर मामला नहीं सुलझता है तो इसे जांच के लिए एसएचओ के पास भेजा जाता है। पुलिस विभाग ने मई 2019 में एसओपी बनाकर इसे लागू किया है।
जिले में पिछले 5 वर्षों में 4 हत्या, आत्महत्या के लिए 23 और महिलाओं के लिए क्रूरता के 35 मामले पति या ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के ये मामले घर पर आदतन यातना की छोटी घटनाओं के रूप में शुरू होते हैं।घरेलू हिंसा की घटनाएं रोकने को एक तंत्र स्थापित किया गया है। इसके तहत 15 दिन तक शिकायतकर्ता से महिला आरक्षी मोबाइल पर संपर्क या व्यक्तिगत रूप से मिलती है। शिकायतकर्ता से बात करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार करती है। मामले के पर्यवेक्षण को एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। पुलिस रिपोर्ट में घरेलू हिंसा पाए जाने पर संबंधित एसएचओ को कार्रवाई के लिए मामला भेजा जाता है।