निर्भया गैंगरेप और मर्डर के दोषियों में शामिल विनय शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है. चारों दोषियों में से यह दूसरी दया याचिका है, जो राष्ट्रपति के पास लगाई गई है. इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका में विनय शर्मा ने एक और अर्जी राष्ट्रपति को लिखी है. जिसमें वह अपने वकील एपी सिंह के जरिये अपनी आपबीती राष्ट्रपति को बताना चाहता है. विनय ने अपनी अर्जी में कहा कि वह राष्ट्रपति को बताना चाहता है कि जेल में रहने के दौरान उसका कितना मानसिक उत्पीड़न हुआ है. विनय ने राष्ट्रपति से गुजारिश की है कि वो जो भी समय उचित हो वो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें.
साथ ही विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दायर अपनी दया याचिका में अपनी मां और पिताजी से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि वह जीना नहीं चाहता था, लेकिन जब उससे उनके मां-बाप मिलने आए और उन्होंने कहा कि बेटा तुमको देखकर हम जिंदा हैं तब से मैंने मरने का खयाल छोड़ दिया है. विनय ने दया याचिका में कहा कि मेरे पिताजी और मां ने कहा कि तू हमारे लिए जिंदा रह.
वहीं, दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति के पास पहुंचने से अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब 1 फरवरी को भी निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं हो पाएगी? इसके कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाता है. बता दें कि इससे पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी जो टल गई थी. दिल्ली जेल नियमों के अनुसार एक ही अपराध के चारों दोषियों में से किसी को भी तब तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता जब तक कि अंतिम दोषी दया याचिका सहित सभी कानूनी विकल्प नहीं आजमा लेता.