माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी मनाई जाती है. रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा-अर्चना से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. रथ सप्तमी पर जन्म कुंडली के पीड़ित सूर्य की पूजा अर्चना करके बलवान किया जा सकता है. रथ सप्तमी पर भगवान सूर्यनारायण की प्रिय धातु तांबे से बने छल्ले को गंगाजल से शुद्ध करके अनामिका उंगली में धारण किया जाता है. ऐसा करने से बार-बार स्वास्थ्य में आ रही समस्याएं खत्म होती हैं. रथ सप्तमी को अचला सप्तमी भी कहा जाता है.
रथ सप्तमी पर कैसे करें सूर्य नारायण की पूजा?
1 रथ सप्तमी के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठे स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें
2 सूर्य नारायण को तांबे के लोटे से जल में कुमकुम शक्कर लाल फूल डालकर अर्घ्य दें
3 अर्घ्य दिए जल को अपने माथे पर छिड़कें
4 भगवान सूर्य के बारह नामों का जाप तीन बार करें और अपने पिता के चरण स्पर्श जरूर करें
कैसे मिलेगा रथ सप्तमी पर धन-धान्य का वरदान?
1 रथ सप्तमी पर सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करें तथा भगवान सूर्य को नमस्कार करें
2 पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके लाल आसन पर बैठे तथा एक तांबे के लोटे में जल भरकर रखें
3 शुद्ध तांबे के दीये में गाय का घी भरकर कलावे की बाती लगाकर जलाएं
4 अब भगवान गणपति को नमस्कार करें और सूर्य स्तोत्र का तीन बार पाठ करें
5 अपने घर में धन-संपत्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण से प्रार्थना करें
रथ सप्तमी पर करें ये महाउपाय
1 अपने घर की पूर्व दिशा को साफ करके वहां पर एक दीपक जलाएं और गायत्री मंत्र का 27 बार जाप करें
2 कुशा के आसन पर बैठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और पाठ के बाद अपने पिता या पिता की उम्र के समान व्यक्ति के चरण स्पर्श करें
3 रथ सप्तमी पर घर का बना मीठा भोजन नेत्रहीन लोगों को खिलाएं
4 जरूरतमंद लोगों को गेहूं गुड़ तांबे का बर्तन और लाल वस्त्र दान करें
किन लोगों के लिए यह उपवास व्रत विशेष फलवती है?
1 जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच राशी का हो ,शत्रु क्षेत्री हो ,या कमजोर हो.
2 जिन लोगो का स्वास्थ्य लगातार खराब रहता हो. जब बच्चे खूब बदमाशी करते हों.
3 जिन को शिक्षा में लगातार बाधा आ रही हो या आध्यात्मिक उन्नति नहीं कर पा रहे हों.
4 जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा हो.
5 जिन लोगों को प्रशासनिक कार्य करने हों या प्रशासनिक सेवा में जाना हो.