सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश व मुस्लिम और पारसी महिलाओं से भेदभाव के मामलों पर सुनवाई करेगी. इस बेंच में चीफ जस्टिस समेत कुल नौ जस्टिस शामिल हैं. पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस एसए बोबड़े कर रहे हैं. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह 14 नवंबर को दिए गए समीक्षा आदेश के सवालों पर ही सुनवाई करेगी.
चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली इस संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एम एम शांतनागौडर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्य कांत शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सबरीमाला मामले को लेकर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम पांच जजों की पीठ की ओर से भेजे गए मसलों पर विचार करने जा रहे हैं. पिछले साल 14 नवंबर को पांच जजों की बेंच ने इस मामले को सात जजों की बेंच को सौंप दिया था.
इससे पहले 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल से 50 साल के उम्र की महिलाओं को सबरीमाला के भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद भगवान अयप्पा के समर्थकों में रोष देखा गया था.