स्मार्ट सिटी के टीटी नगर एबीडी एरिया में 175 करोड़ रुपए से बन रहीं 18 किमी सड़कों की डिजाइन पर सवाल उठ रहा है। उदाहरण के लिए न्यू मार्केट स्थित मल्टीलेवल पार्किंग से आर्य समाज मंदिर तक जाने वाली मौजूदा 378 मी. सड़क को जमीन से करीब 3 फीट ऊपर बनाया जा रहा है। विशेषज्ञ इसे सिर्फ जनता के पैसों की बर्बादी बता रहे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से पहले बीडीए की टीटी नगर रीडेंसीफिकेशन स्कीम तैयार करने वाले पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर वीके अमर ने पूरे प्रोजेक्ट पर सवाल उठाया है। अमर ने कहा कि 378 मीटर की यह सड़क ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र में बन रहीं अन्य सड़कों में भी इसी तरह से तकनीकी खामियां हैं। इस 378 मीटर लंबी सड़क की ऊंचाई बढ़ाने से न केवल मल्टीलेवल पार्किंग बल्कि बीएसएनएल और एलआईसी के दफ्तर के भीतर जाना मुश्किल हो गया है। यही नहीं यहां बन रहे नए काटजू अस्पताल की एंट्री भी इस सड़क के कारण ब्लॉक हो रही है।
वीके अमर ने बताया कि 1960 में बनी इस सड़क को ऊपर उठाने की जरूरत ही नहीं थी। न सरकारी भवनों की एंट्री का ध्यान रखा गया और न आसपास के ट्रेफिक का। इन भवनों में पानी जमा होगा। यहां वाहनों का मूवमेंट अधिक है। यह एक एक्सीडेंट जोन बन सकता है। वैसे भी शहरी क्षेत्रों में इस तरह से ऊंची सड़क नहीं बनाई जाती है।
मल्टीलेवल पार्किंग, पोस्ट अॉफिस, बीएसएनएल और एलआईसी दफ्तरों के साथ आर्य भवन और निर्माणाधीन काटजू अस्पताल में जाना हुआ मुश्किल काटजू अस्पताल को आधुनिक मदर एंड चाइल्ड हाॅस्पिटल के रूप में डेवलप किया जा रहा है, लेकिन 378 मीटर की इस छोटी सी सड़क के कारण अस्पताल में मरीज कहां से आएंगे यह समझना मुश्किल है।