हिमाचल सरकार के अगले बजट में कर्मचारियों, किसानों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों के अलावा उद्योगों में और निवेश पर खास फोकस रहने वाला है। आगामी वित्तीय वर्ष के इस बजट में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की छाप नजर आएगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 का यह बजट छह मार्च को पेश होगा। इसकी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। नए बजट में केंद्रीय आम बजट की भी छाप नजर आएगी। इसके लिए लोगों से सुझाव भी लिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर वित्त मंत्री एक महीने के बाद अपना बजट पेश करेंगे। पिछले साल बजट सत्र जल्द हो गया था। फरवरी में ही बजट पेश कर दिया गया था। ऐसा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के चलते किए गया था। बजट सत्र भी जल्द बुला लिया गया था। इस बार सरकार के पास ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। बजट तैयार करने के लिए भी काफी समय है।
जयराम सरकार का यह तीसरा बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। छह मार्च को बजट पेश किया जाना है। एक अप्रैल को बजट सत्र का समापन हो जाएगा। ऐसे में जहां सीएम जयराम ठाकुर और उनकी कैबिनेट के मंत्री दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यों में जुटे हुए हैं, वहीं मुख्य सचिव अनिल खाची समेत तमाम अधिकारी अगला बजट बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं।
यूं तो यह तैयारी नवंबर महीने में ही शुरू कर दी गई थी। उस वक्त बतौर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची ने कई विभागों से साथ लगातार बैठकें कीं। उनकी प्राथमिकताएं पूछीं। इसके बाद खाची मुख्य सचिव बन गए तो प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना बनाए गए। इस बीच प्रबोध सक्सेना भी खूब सक्रिय रहे।
बजट सत्र की तिथियां तय होने के बाद यह अधिकारी बजट तैयार करने की प्रक्रिया में पूरी शिद्दत से जुट गए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की महत्वाकांक्षी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के बाद एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू निवेशकों के साथ हस्ताक्षरित हो चुके हैं। ऐसे मेें सरकार का ध्यान इन्हें धरातल पर उतारने का होगा। इसके लिए अगले बजट में भी खास प्रावधान किए जाने की तैयारी है।