भोपाल को देश के बड़े पर्यटन स्थलों जैसे गोवा, महाबलीपुरम, तिरुपति, वैष्णोदेवी, रणथंभौर, अमरकंटक समेत अन्य से जोड़ने के लिए तेजस श्रेणी की टूरिस्ट ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनके अलावा प्रदेश के पर्यटन स्थलों सांची, हनुमंतिया के लिए भी यह महत्वपूर्ण हो सकती हैं। बीच में होने के कारण विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए चलने वाली अधिकतर टूरिस्ट ट्रेनें भोपाल से होकर गुजरेंगी। शनिवार को आम के साथ जारी किए गए रेल बजट में टूरिस्ट ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई है।
इसी सिलसिले में भोपाल इन ट्रेनों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्टेशन साबित हो सकता है। इसी तरह रेलवे की खाली जमीन का उपयोग सोलर पॉवर प्लांट लगाने में किए जाने की घोषणा भी बजट में की गई है। भोपाल रेल मंडल और पश्चिम-मध्य रेलवे के पास क्रमश: तीन हजार और 18 हजार एकड़ ऐसी जमीन है, जो विभिन्न स्थानों पर ट्रैक के नजदीक खाली पड़ी है। ऐसा कर सोलर एनर्जी को बढ़ावा देकर थर्मल पॉवर प्लांट को भविष्य में बंद किया जा सकेगा।
रेल प्रशासन ने बीना में 37153.87 वर्गफीट यानी करीब दस एकड़ जमीन का उपयोग कर 1.7 मेगावॉट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इससे बनने वाली बिजली का उपयोग केवल ट्रैक्शन यानी इलेक्ट्रिक रेल इंजनों को चलाने के लिए की जाने वाली सप्लाई के लिए ही किया जाएगा। इससे हर साल बनने वाली 2482000 यूनिट बिजली से प्रति यूनिट 5.50 रुपए के हिसाब से 1 करोड़ 37 लाख रुपए की बचत होगी। इस तरह भोपाल रेल मंडल ने पहले से ही योजना पर काम शुरू करते हुए सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की शुरुआत कर दी है।
इसके अलावा रेल बजट में तेजस कारपोरेट ट्रेन चलाने की बात भी कही गई है। शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन को इसमें बदलकर यात्रियों को तेजस ट्रेन मिल सकती है। इस तरह यात्रियों को सीधे तौर पर हाई स्पीड ट्रेन का फायदा मिल जाएगा।