मध्य प्रदेश सरकार ने CAA के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कमलनाथ कैबिनेट ने CAA को लेकर बड़ा फैसला लिया है. कमलनाथ कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन कानून 2020 को वापस लेने के लिए कैबिनेट में संकल्प पारित किया है. इस संकल्प पत्र में मध्यप्रदेश शासन ने भारत सरकार से आग्रह किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को निरस्त किया जाए. मध्य प्रदेश सरकार ने अपने शासकीय संकल्प में कहा है कि संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं है. मध्यप्रदेश के जंनसम्पर्क मंत्री ने कैबिनेट के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी.
शासकीय संकल्प में लिखा गया है कि ‘यह पहला अवसर है जब धर्म के आधार पर विभेद करने के प्रावधान संबंधी कोई कानून देश में लागू किया गया है. इससे देश का पंथनिरपेक्ष रूप और सहिष्णुता का ताना-बाना खतरे में पड़ जाएगा. कानून में ऐसे प्रावधान किए गए जो लोगों की समझ से परे हैं और आशंका को भी जन्म देते हैं. इसके परिणाम स्वरूप ही देशभर में कानून का व्यापक विरोध हुआ है और हो रहा है.’
आगे उसमें लिखा गया है कि ‘मध्यप्रदेश में भी इस कानून के विरोध में लगातार प्रदर्शन देखे गए हैं जो कि शांतिपूर्ण रहे हैं और इनमें समाज के सभी वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. इन तत्वों के मद्देनजर मध्यप्रदेश शासन भारत सरकार से आग्रह करता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को निरस्त किया जाए. साथ ही ऐसी नई सूचनाएं जिन्हें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2020 में अद्यतन करने के लिए कहा है उन्हें भी वापस लिया जाए और उसके बाद ही जनगणना का काम हाथ में लिया जाए