सालभर नौकरी और सैलरी की मांग कर रहे होमगार्ड्स को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में बुधवार को कहा कि होमगार्ड्स साल के 12 माह सेवाएं देंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने डीजी होमगार्ड्स के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने होमगार्ड्स को साल में सिर्फ 10 महीने सेवा और 2 महीने छुट्टी का प्रावधान किया था।
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने मामले में नोटिस जारी कर डीजी होमगार्ड्स से जवाब भी मांगा है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद तय की है। विदिशा और रायसेन समेत अन्य जगहों पर पदस्थ होमगार्ड जवानों ने डीजी होमगार्ड्स के आदेश के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं। उस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया है। याचिका में कहा गया था कि डीजी होमगार्ड ने होमगार्ड्स के साल में सिर्फ 10 महीने की सेवा और बाकी 2 महीने अवकाश में रहने का आदेश दिया है। इस दौरान होमगार्ड्स को किसी प्रकार का कोई वेतन या अन्य लाभ नहीं मिलेगा।
याचिकाकर्ता होमगार्ड्स का कहना है कि पूर्व में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश देते हुए पुलिस आरक्षकों के समान वेतनमान और अन्य लाभ दिए जाने के आदेश दिए थे। उसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नए नियम बनाकर सर्कुलर भी जारी किया था। इसके बाद डीजी होमगार्ड्स ने 2 माह की छुट्टी का आदेश दिया। ये पूरी तरह से अवैधानिक है। होमगार्ड्स ने दलील दी थी कि 2 महीने की अनिवार्य छुट्टी और उस दौरान कोई सैलरी ना मिलने के कारण वो अपना और परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे।
प्रदेशभर से आए करीब 3 हजार होमगार्ड्स ने भोपाल में 27 जनवरी को विभागीय मुख्यालय पहुंचकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि होमगार्ड्स के साथ कब तक ‘स्वयंसेवी’ शब्द जुड़ा रहेगा। अब हमें पुलिस जैसी नियमित नौकरी चाहिए। पुलिस की तरह वेतन दिया जाए। पूरे 12 महीने की नौकरी हो और नियमितीकरण किया जाए। जवान होमगार्ड मुख्यालय से बाहर आकर सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी की थी। डीजी होमगार्ड्स से आश्वासन के बाद उन्होंने धरना प्रदर्शन रोक दिया था।