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AAP ने 2015 की जीत को दोहराया कांग्रेस फिर साफ, BJP मात्र 8 सीटों पर सिमटी…

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लौटे हैं और तीसरी बार होगा जब केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. आप की ये जीत 2015 की जैसी ही है जब पार्टी ने विधानसभा की कुल 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार AAP ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की है और 2015 के मुकाबले मात्र एक फीसद कम वोट मिले हैं. नतीजों से पहले-पहले तक बहुमत हासिल करने का दावा करने वाली बीजेपी को 2015 के मुकाबले पांच सीट का फायदा जरूर हुआ है. बीजेपी ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए कुल सीटों में से कम से कम 10 फीसद सीट चाहिए होती है. जिससे बीजेपी दो कदम दूर रही. कांग्रेस की बात की जाए तो 2015 की तरह ही पार्टी खाता खोलने में भी नाकामयाब रही. पार्टी को पांच फिसदी वोट का भी नुकसान हुआ है.

अरविंद केजरीवाल साल 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और उस चुनाव में आप ने सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. हालांकि, उनकी यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चल पाई थी. 2015 में प्रचंड जीत (67 सीट) के साथ दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और अब एक बार फिर 62 सीट जीत कर दिल्ली की कमान संभालने जा रहे हैं. पार्टी के एक नेता ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए AAP दो तारीखों 14 फरवरी और 16 फरवरी पर विचार कर रही है.

आम आदमी पार्टी की इस शानदार जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और डीएमके के एम के स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने केजरीवाल को बधाई दी.

आप की इस जोरदार जीत के आठ महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था और सारी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. आप की जीत इसलिए भी मायने रखती है कि बीजेपी ने दिल्ली में व्यापक प्रचार अभियान चलाया था और अपने 200 से ज्यादा सांसदों, कई केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था.

राष्ट्रीय राजधानी में यह चुनाव ऐसे वक्त हुआ जब शहर में और अन्य जगहों पर संशोधित नागरिक कानून (सीएए) के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे थे. बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान में इसे मुद्दा भी बनाया और इसे जोर-शोर से उठाया. बीजेपी का प्रचार अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों के इर्द-गिर्द रहा वहीं आप ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित किया.

राष्ट्रीय राजधानी में AAP मुख्यालय में जश्न में डूबे समर्थकों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली वालों आपने गजब कर दिया. आई लव यू.’’ नई दिल्ली सीट से जीतने वाले केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह उन सभी और हर परिवार की जीत है जिन्होंने मुझे अपना बेटा माना और इतना बड़ा जनादेश दिया. आज दिल्ली वालों ने एक नयी राजनीति को जन्म दिया काम की राजनीति.’’केजरीवाल अपने परिवार और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ कनॉट प्लेस के पास प्रसिद्ध हनुमान मंदिर गए. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढा और आतिशी के साथ दिल्ली के मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन भी जीत गए.

विपक्ष के नेताओं ने आप की प्रचंड जीत को ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति की हार और समावेशी राजनीति की जीत बताते हुए देश में ‘‘बदलाव की बयार’’ बताया. गैर बीजेपी दलों के नेताओं ने कहा कि परिणाम दिखाते हैं कि विकास के एजेंडे पर चुनाव जीता जा सकता है. बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ आने का भी आह्वान किया गया. आप की बड़ी जीत पर बधाई देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों ने ‘‘घृणा और विभाजन की राजनीति’’ को खारिज कर ‘‘सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ’’ जनादेश दिया है.चुनावों के रूझान में आम आदमी पार्टी के बड़ी जीत की तरफ बढ़ने के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद से ही नीले और सफेद रंग के गुब्बारे लिए हुए और अपने नेता अरविंद केजरीवाल के बड़े कटआउट के साथ आप कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय में जश्न मनाना शुरू कर दिया. पार्टी कार्यालय में आप के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी के प्रचार अभियान के गीत ‘लगे रहो केजरीवाल’ गुनगुना रहे थे और ड्रम बीट की धुन पर थिरक रहे थे.

कांग्रेस ने हार को स्वीकार किया और पार्टी ने कहा कि वह दिल्ली में संगठन का नए सिरे से निर्माण करेगी और एक सजग विपक्ष की भूमिका निभाएगी. वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी इस बात की समीक्षा करेगी कि वह अपनी उम्मीदों को हासिल करने में क्यों विफल रही. उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली ने सोच समझकर जनादेश दिया होगा. हमारा मत प्रतिशत 32 फीसद से बढ़कर 38 फीसद हो गया. दिल्ली ने हमें खारिज नहीं किया. हमारे मत प्रतिशत में वृद्धि हमारे लिए एक अच्छा संकेत है.’’

दिल्ली विधासभा चुनाव में आतिशी, राघव चड्ढा और दिलीप पांडे समेत आम आदमी पार्टी के सभी बड़े उम्मीदवारों की जीत के बाद अब सबकी निगाहें मंत्रिमंडल पर टिक गई हैं. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के सभी मंत्रियों ने भी जीत हासिल की है.आम आदमी पार्टी (आप) के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी अपने आलाकमान के साथ विस्तृत चर्चा के बाद ही इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी. केजरीवाल के करीबियों में शुमार आतिशी, चड्ढा और पांडे ने अपने पहले विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की है. तीनों नेता पिछले साल लोकसभा चुनाव में हार गए थे. ये तीनों फिलहाल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता भी हैं. संविधान के अनुसार दिल्ली में मंत्रियों की संख्या विधायकों की कुल संख्या की 10 प्रतिशत हो सकती है, जिनमें मुख्यमंत्री सबसे ऊपर होता है.

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