मप्र में सक्रिय माइक्रो फाइनेंस से जुड़े माफिया पर राज्य सरकार सख्ती बरतने जा रही है। जनाधिकार के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी कलेक्टरों से कहा कि इन्हें पनपने से पहले पकड़ो। एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसानों के फसल कर्जमाफी के दूसरे चरण की शुरुआत समय पर होनी चाहिए। साथ ही 31 मार्च तक अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के मामले निपटाए जाएं।
उन्होंने दोहराया कि लोगों की स्वास्थ्य की रक्षा के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को और ज्यादा गतिशील किया जाए। भोपाल जिले के एक प्रकरण में शिकायतकर्ता यशोदा रजक की ओर से उनके पति ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्रीनलैंड गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा उनके प्लाॅट का नामांतरण नहीं किया गया। सोसायटी की मिलीभगत से सदस्य द्वारा उन्हें अविकसित प्लॉट बेच दिया। इस पर सीएम ने सोसायटी और बेचने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 फरवरी को मुकेश कुमार के विरुद्ध उत्तराखंड राज्य के मामले में पारित आदेश को संविधान की मूल भावना के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने अजा व अजजा वर्ग को सीधी भर्ती व पदोन्नति में आरक्षण नहीं देने की जो बात कही है, वह भाजपा की दोमुंही नीति को उजागर करता है।