ऊना। खतरनाक बीमारी पीला रतुआ फैलने से किसानों को हड़कंप मच गया है। जिले के किसान मौसम खुलते ही गेहूं को बचाने के लिए खेतों में कूद पड़े हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में 5 हेक्टेयर की जमीन पर पीला रतुआ फैल चुका है।
बीमारी से बचाव के लिए किसान दवाइयों का अंधाधुंध छिड़काव कर रहे हैं। जिले में करीब 30 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई की जाती है। इसमें से प्रतिवर्ष 16 हजार मीट्रिक टन की पैदावार होती है। बीतों दिनों बारिश, तापमान में वृद्धि और हवा में नमी होने के कारण जिला में गेहूं की फसल के पीला रतुआ से संक्रमित होने की आशंका है। इसके चलते कृषकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि कहीं भी गेहूं की फसल में पीला रतुआ से संक्रमित होने के लक्षण पाए जाते हैं तो कृषक कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें।
कृषि उपनिदेशक डॉ. सुरेश कपूर ने बताया कि अधिकारियों ने जिला के कई क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। विकास खंड बंगाणा और ऊना में कुछ खेतों में पीला रतुआ के लक्षण पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक संक्रमण में गेहूं के पत्तों पर पीले धब्बे दिखाई देते हैं। यह धब्बे गोल होते हैं और 2-3 दिनों में पूरे खेत में फैल जाते हैं। उन्होंने कृषकों को हिदायत दी कि वे खेतों में प्रोपेक्रोनेजोल 0.1 प्रतिशत का घोल की स्प्रे प्रभावित फसल और आस पास के खेतों में करें। उन्होंने बताया कि फफूंद नाशक विभाग के विक्रय केंद्रों पर उपलब्ध है। जिसे 50 प्रतिशत अनुदान पर कृषकों को उपलब्ध करवाया जा रहा है