टीम ने कुछ दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। इस दौरान कुछ जरूरी दस्तावेज भी मांगे गए, लेकिन कंपनी प्रबंधन दस्तावेज नहीं दिखा पाया। केंद्र से सहायक दवा नियंत्रक, तीन ड्रग इंस्पेक्टर, प्रदेश से राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह, ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी अधिकारी सनी कौशल और ड्रग इंस्पेक्टर ललित दिन भर रिकॉर्ड जांचने में जुटे रहे। इससे पहले कंपनी में बन रही दवाओं के सैंपल लिए गए थे, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
मरवाह ने बताया कि दवाओं के सैंपल लेने के बाद कंपनी का रिकॉर्ड जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। कंपनी प्रबंधन को दवा के निर्माण व उत्पादन संबंधी दस्तावेज दिखाने के लिए कहा है। दवाओं के सैंपल की जांच रिपोर्ट दो से तीन दिन के भीतर आने की उम्मीद है। इसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में कई बच्चों की मौत और किडनी खराब होने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है।
कोल्ड बेस्ट सीरप के सेवन की वजह से जम्मू-कश्मीर के रामनगर एरिया में कई बच्चों की मौत हुई है जबकि कई की किडनी पर भी विपरित असर पड़ा है। दवा की जांच में पीजीआई ने भी इसमें थाइथिलेन ग्लोइको होने की बात कही है। यह बेहद की खतरनाक केमिकल है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि जांच जारी है। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।