UIDAI की तरफ से हैदराबाद में 127 लोगों को जारी की गई नोटिस के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर विरोध जताया है. ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा आधार एक्ट के सेक्शन 9 के मुताबिक आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना गया है के पास ऐसे कौनसे कानूनी अधिकार है, जिसके तहत नागरिकता के सबूत मांगे गए हैं. यह गैर कानूनी और अस्वीकार्य है.’
गौरतलब है कि UIDAI ने मंगलवार को कहा था कि उसके हैदराबाद कार्यालय ने कथित तौर पर गलत तरीका अपनाकर आधार नंबर प्राप्त करने के लिए 127 लोगों को नोटिस भेजे हैं, हालांकि यह जोड़ा कि इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने पुलिस से रिपोर्ट मिलने के बाद नोटिस जारी किए हैं.
बयान में कहा गया था कि आधार नागरिकता का दस्तावेज नहीं है और आधार अधिनियम के तहत यूआईडीएआई को यह सुनिश्चित करना होता है कि आधार के लिए आवेदन करने से पहले कोई व्यक्ति भारत में कम से कम 182 दिनों से रह रहा है. उच्चतम न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में यूआईडीएआई को अवैध प्रवासियों को आधार नहीं जारी करने का निर्देश दिया था.