पिछले साल 10 दिसंबर को समसगढ़ में नयापुरा के पास एक नए बाघ के पैर में तार का फंदा फंस गया था। यह फंदा शिकारियों ने लगाया था। इसके चलते वह घायल हो गया था। तब यह घायल बाघ वीरपुर में लगे ट्रैप कैमरे में कैप्चर हुआ था। तार फंसने से लगातार उसके पैर में घाव हो गया था।
वन विभाग ने इसे खोजने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सतपुड़ा नेशनल पार्क से हाथी भी बुलाए गए, लेकिन वह बाघ हाथ नहीं आया। लेकिन शुक्र है कि ट्रैप कैमरेसे हाल ही में जो तस्वीर आई है उसमें बाघ के पैर से फंदा निकल गया है।
भाेपाल फारेस्ट सर्किल के सीसीएफ रवींद्र सक्सेना का कहना है कि बाघ ने संभवत: मुंह से अपने पैर का तार निकाल लिया। उन्हाेंने बताया कि बाघ काे रेस्क्यू न कर पाने का कारण केवल इतना था कि वह हाथी काे देखकर भाग जाता था। इसकी वजह यह है कि यह बाघ रातापानी सेंचुरी में जन्मा है और इसने कभी हाथी जैसा बड़ा जानवर नहीं देखा।
पिछले तीन माह से क्षेत्र से गायब बाघिन 123 क्षेत्र में लाैट आई है। यह बाघिन मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात 1 बजे के आसपास यह सुअर का पीछा करते हुए वाल्मी बैरियर के पास पहुंच गई। बाघ मित्र राशिद नूर ने बताया कि वह किसी शादी से लाैट रहे थे। तभी बैरियर के पास से बाघिन निकलकर अंधेरे में गुम हाे गई। सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है।