प्रदेश में चल रहे सभी निजी विश्वविद्यालयों को डिग्रियों का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर डालना होगा। फर्जी डिग्रियों का मामला सामने आने के बाद राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। निजी विश्वविद्यालय प्रबंधनों को पत्र जारी कर सभी पासआउट विद्यार्थियों की डिग्रियों का ब्योरा देने को कहा गया है। आयोग की सचिव पूनम ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों को वेबसाइट अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिमला और सोलन स्थित निजी विश्वविद्यालयों पर लगे फर्जी डिग्री बेचने के आरोप के बाद नियामक आयोग ने निजी शिक्षण संस्थानों को आधिकारिक वेबसाइट पर फीस, सीट, कोर्स और उपलब्ध शिक्षकों आदि की पूरी जानकारी अपलोड करने को कहा है।
शिक्षकों की पढ़ाई, डिग्री और योग्यता की भी जानकारी देनी होगी। फीस किस आधार पर किन माध्यमों से ली जाएगी, यह भी विस्तार से बताना होगा। वेबसाइट और दाखिला आवेदन पत्र में लिखी फीस के अलावा छात्रों से कोई फीस नहीं ली जा सकेगी।
कोई भी संस्थान या कॉलेज छात्र के मूल प्रमाणपत्र नहीं रख सकेगा। दाखिले के बाद मूल प्रमाणपत्र जांचने के बाद लौटाने अनिवार्य रहेंगे। संस्थान मूल प्रमाणपत्र की फोटो कॉपी रख सकते हैं। आयोग की सचिव ने बताया कि शिमला और सोलन के निजी विश्वविद्यालयों से पास आउट स्टूडेंट्स को दी गई डिग्रियों के सीरियल नंबर बताने को कहा गया है। आयोग भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहा है।