दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैली हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को दी गई है. इसके साथ ही हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस को पूरी छूट दी गई है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, “राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को दिल्ली में हो रही हिंसा की घटनाओं को काबू करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है… वह प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रिमंडल को हालात के बारे में ब्रीफ करेंगे…
NSA ने मंगलवार रात को जाफराबाद, सीलमपुर तथा उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अन्य इलाकों का दौरा किया था, जहां उन्होंने विभिन्न संप्रदायों के नेताओं से बातचीत भी की… NSA ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून एवं व्यवस्था को भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तथा अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है… हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को पूरी छूट दे दी गई है…”
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने NDTV से कहा, “मैं आश्वासन देता हूं कि कानून का पालन करने वाले किसी भी नागरिक को कोई भी किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचा पाएगा… पर्याप्त बल तैनात है, किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है… लोगों को वर्दीधारियों पर भरोसा करना होगा…”
पिछले दो दिन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में पत्थरबाज़ी, आगज़नी और जान-माल का नुकसान हुआ है. पुलिस ने हालात सामान्य बनाने के लिए तमाम एहतियाती उपायों के साथ भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया, साथ ही स्थानीय नागरिकों से संवाद स्थापित किया. दिल्ली पुलिस ने प्रभावित इलाक़ों के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. साथ ही अफ़वाहों पर ध्यान नहीं देने को भी कहा है.
बता दें, उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई जिसमें मृतक संख्या बढ़कर 18 हो गई है. पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी. भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे. राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई. इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी. दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी.