भोपाल. एक सप्ताह के भीतर आने वाले भोपाल मास्टर प्लान के ड्राफ्ट की इस बार किताब नहीं छपेगी, बल्कि यह ऑनलाइन ही उपलब्ध होगा। शहर में चार स्थानों पर यानी संभागायुक्त, कलेक्टोरेट, नगर निगम और टीएंडसीपी दफ्तर में प्लान के नक्शे और एफएआर आदि के टेबल डिस्प्ले किए जाएंगे। मास्टर प्लान के ड्राफ्ट की किताब में लगभग 500 पन्ने होते हैं और टीएंडसीपी अब तक ऐसी 250 किताबें छापता रहा है। दावे, आपत्ति और सुनवाई के बाद नया मास्टर प्लान जारी होने पर ड्राफ्ट की यह किताबें बेकार हो जाती हैं, क्योंकि ड्राफ्ट और वास्तविक प्लान में कई जगहों पर बदलाव हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्लान पर सैद्धांतिक सहमति देने के साथ ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने अब ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने का काम शुरू कर दिया है। इसके पहले सोमवार को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील के निवास पर कुछ इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स आदि के समक्ष ड्राफ्ट का प्रेजेंटेशन होगा। बताया जाता है कि अकील अपने विधानसभा क्षेत्र को लेकर योजनाओं को लेकर चर्चा करना चाहते हैं। केंद्र की शर्त के मुताबिक, अमृत शहरों में शामिल प्रदेश के 33 शहरों में जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। भोपाल इनमें से एक है।
मास्टर प्लान में शहर की वास्तविक स्थिति दिखाई देगी। इसमें शहर में हुए कंस्ट्रक्शन की साफ तस्वीर ऑनलाइन दिखाई देगी। यानी संबंधित बिल्डिंग या निर्माण की लंबाई, चौड़ाई के साथ स्ट्रक्चर (ढांचे) को तीन ओर से देखा जा सकेगा। एक क्लिक पर आप अलग-अलग एंगल से निर्माण को देख सकेंगे। नक्शे इतने स्पष्ट होंगे कि सड़क के गड्ढे भी देखे जा सकेंगे। इन नक्शों को साल में दो बार अपडेट किया जाएगा ताकि वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके। कोई भी व्यक्ति टीएंडसीपी में शुल्क जमा करके जानकारी ले सकेगा।
2009 में छपे मास्टर प्लान के ड्राफ्ट की 250 किताबें छापी गईं थीं। एक किताब की कीमत 300 रुपए रखी गई थी। 2010 में ड्राफ्ट वापस ले लिया गया यानी यह किताब किसी काम की नहीं रही।मास्टर प्लान में हर मैप की 64 लेयर होगी।
भोपाल मास्टर प्लान-2031 का ड्राफ्ट जारी होने से पहले राजनीतिक विवाद की स्थिति बन गई है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील मास्टर प्लान पर अपनी राय बनाने से पहले अपने भरोसेमंद इंजीनियरों से चर्चा करना चाहते हैं, जबकि विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि आउटर रिंग रोड की प्लानिंग में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा कोलार और भदभदा रोड पर लैंड यूज को लेकर विवाद को समाप्त किया जाना चाहिए। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसर सोमवार को सुबह मंत्री अकील के निवास पर मास्टर प्लान पर प्रेजेंटेशन देंगे। अकील ने अपने भरोसेमंद करीब 20 इंजीनियरों और अन्य प्रोफेशनल्स को बुलाया है। अकील का कहना है कि इसी फील्ड में काम कर रहे लोगों से बात करके वे प्लान पर अपनी राय कायम करेंगे। ये इंजीनियर यदि कोई बदलाव सुझाएंगे तो वे बदलाव की बात करेंगे। फिलहाल प्लान को लेकर उनकी अपनी कोई राय नहीं है।
उधर, मसूद ने कहा कि जिला योजना समिति में प्लान के प्रेजेंटेशन के दौरान कोलार और भदभदा क्षेत्र में लैंडयूज को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी। इस विवाद को सुलझाया जाना चाहिए। इसके अलावा लोग यह भी शिकायत करते हैं कि एक ही सड़क के दोनों तरफ अलग-अलग लैंडयूज देने से विवाद की स्थिति बनती है। कहा जाता है कि प्रभावशाली लोगों के दबाव में लैंडयूज तय किए जाते हैं। यह स्थिति नहीं बनना चाहिए। मसूद ने बताया कि उन्होंने प्रस्तावित आउटर रिंग रोड में भी कुछ बदलाव सुझाए हैं।
शनिवार को मुख्यमंत्री के समक्ष प्लान के प्रेजेंटेशन के दौरान दोनों के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। नगरीय आवास एवं विकास मंत्री जयवर्धन सिंह के हस्तक्षेप के बाद विवाद शांत हुआ था। मास्टर प्लान में शामिल किए जाने वाले हर मैप की 64 लेयर होगी। हर लेयर में ऑनलाइन लिंक के जरिए शहर की अलग-अलग सुविधा या निर्माण की स्थिति को देखा जा सकेगा। इसमें शौचालय, अस्पताल, स्कूल व कॉलेज, निगम की पाइपलाइन जैसे अन्य निर्माण को दिखाने की व्यवस्था की गई है।