मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के धर्मगुरुओं को बड़ा तोहफा दिया है. सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया कि मध्य प्रदेश की मस्जिदों के इमाम और मुअज्जिन के मानदेय को बढ़ाया जाएगा. जहां एक ओर कांग्रेस सरकार ने इसे घोषणापत्र का एक वादा पूरा होना बताया है, तो वहीं बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है.
कमलनाथ सरकार के ऐलान के बाद जल्द ही मध्य प्रदेश की मस्जिदों के इमाम और मोअज्जिन को बढ़ा हुआ मानदेय मिलना शुरू हो जाएगा. आजतक से खास बात करते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने कहा, ‘मुख्यमंत्री कमलनाथ को मैंने प्रस्ताव दिया था कि इमाम के मानदेय को 2200 से बढ़ाकर 5000 रुपये महीना और मुअज्जिनों के मानदेय को 1900 से बढा़कर 4500 रुपये महीना किया जाए. उन्होंने इसकी स्वीकृति दे दी है और जल्द ही लिखित आदेश भी जारी हो जाएंगे.’
आपको बता दें कि इससे पहले कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश के मठ और मंदिरों के पुजारियों के मानदेय को भी बढ़ा चुके हैं. इमाम और मोअज्जिनों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी भी तभी से शुरू हो गई थी. हालांकि सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है.
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि निकाय चुनाव से जिस कांग्रेस सरकार के पास तीर्थदर्शन योजना के लिए पैसे नहीं हैं, वो सरकार निकाय चुनाव को देखते हुए धर्म विशेष का वोट हासिल करने के लिए ये सब कर रही है.आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल निकाय चुनाव होने हैं और कांग्रेस इमामों के मानदेय को बढ़ाकर इसका सियासी फायदा उठा सकती है और बीजेपी को इसी बात का डर भी सता रहा है.